Masur production: रबी सीजन में खेती का बढ़ा रकबा, मसूर की दाल का हो सकता है रिकॉर्ड उत्पादन
Masur production: इस साल मसूर दाल की पैदावार सबसे ज्यादा होने वाली है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 रबी सत्र में मसूर का उत्पादन 15.5 लाख टन था.
Masur production: मौजूदा रबी सीजन (Rabi Season) में खेती का रकबा बढ़ने से मसूर की दाल (Masur Dal) का उत्पादन 16 लाख टन के साथ अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने यह अनुमान जताते हुए कहा कि इस साल मसूर दाल की पैदावार सबसे ज्यादा होने वाली है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 रबी सत्र में मसूर का उत्पादन 15.5 लाख टन था.
सिंह ने ‘ग्लोबल पल्स कन्फेडरेशन’ (GPC) के कार्यक्रम में कहा, ‘इस साल मसूर का उत्पादन अब तक के उच्चतम स्तर पर होने वाला है. हमारा मसूर उत्पादन दुनिया में सबसे ज्यादा होगा. इसका रकबा बढ़ गया है. दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता होने के बावजूद, भारत घरेलू स्तर पर इसकी कमी को पूरा करने के लिए मसूर (Masur) और तुअर (Tur) सहित कुछ दालों का आयात करता है.
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चालू रबी सीजन में बढ़े हुए इलाके में मसूर की खेती की गई है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी सत्र में 12 जनवरी तक मसूर का कुल रकबा बढ़कर 19.4 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 18.3 लाख हेक्टेयर था. उन्होंने कहा कि रबी फसल सत्र में मसूर का उत्पादन 16 लाख टन होने का अनुमान है.
चना और मूंग के मामले में देश आत्मनिर्भर
उन्होंने कहा कि देश में औसतन 2.6-2.7 करोड़ टन दालों का वार्षिक उत्पादन होता है. चना और मूंग के मामले में देश आत्मनिर्भर है लेकिन अरहर और मसूर जैसी दालों के मामले में उसे अभी भी आयात पर निर्भर रहना पड़ता है. उन्होंने कहा, हालांकि हम दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की बात कर रहे हैं लेकिन आने वाले कुछ समय के लिए हमें शायद आयात चालू रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को दालों (Pulses) की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है लेकिन इसके साथ खेती के सीमित रकबे को भी ध्यान में रखना होगा.
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