Marigold Farming: पारंपरिक खेती की तुलना में बागवानी या फूलों की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. बाजार में अब साल भर गेंदा के फूलों की मांग बनी रहती है. त्योहार या घरों की सजावट करनी हो या फिर शादी-ब्याह, कोई भी आयोजन बिना गेंदा फूल के पूरे नहीं होते. ऐसे में गेंदा फूल (Marigold Farming) की खेती किसानों की जिंदगी को महका देगी. 

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गेंदा फूल की कभी कम न होने वाली मांग को देखते हुए बिहार सरकार (Bihar Government) किसानों को इसकी खेती के लिए प्रेरित कर रही हैं. मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत गेंदे की खेती किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है.

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एक हेक्टेयर खेती में कितनी आती है लागत

बिहार सरकार उद्यान विभाग के मुताबिक,  एक हेक्टेयर में गेंदे की खेती करने की लागत लगभग 40,000 रुपये आती है. जिसमें सरकार द्वारा किसानों को 70 फीसदी अनुदान भी दिया जाएगा. यानी राज्य सरकार किसानों को 28,000 रुपये की सब्सिडी देगी. इसका मतलब किसानों अपनी जेब से सिर्फ 12,000 रुपये खर्च एक हेक्टेयर में गेंदा फूल की खेती कर सकेंगे.

उद्यान विभाग ज्यादा उत्पादन के लिए इस वित्त वर्ष नई वेरायटी के पूसा नारंगी गेंदे के फूल की खेती की योजना बनाई है. इस किस्म में 60 से 65 दिनों फूल तैयार हो जाते हैं.

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एक बार में 3-4 लाख रुपये की कमाई

एक हेक्टेयर खेत में लगभग 40 हजार पौधे लगा सकते हैं. किसानों को पौधे विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे. एक किसान को अधिकतम एक हेक्टेयर खेत के लिए अनुदान राशि दी जाएगी. किसान गेंदे के फूल की खेती कर एक हेक्टेयर में 20 से 25 टन उत्पादन कर सकते हैं. जबकि 60 से 65 दिनों में यह तैयार हो जाता है. वहीं पौधे से तीन या चार बार फूल की तुड़ाई होती है. एक बार में इससे 3 से 4 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं.