Grass Mulching: खेती में नमी बनाए रखने और खरपतवार नियंत्रण के लिए मल्चिंग तकनीक बहुत कारगर साबित होती है. इसके जरिए आप बिना रासायनिक दवा और खाद के भी मिट्टी की उत्पादक क्षमता बढ़ा सकते हैं. उद्यान विभाग सोलन की उपनिदेशक शिवाली ठाकुर ने बताया कि सोलन में बारिश नहीं हो रही है. जिसकी वजह से किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. बिजाई के समय पर खेत सूखने की कगार पर हैं. रोज किसान उम्मीद कर रहे हैं कि बारिश होगी लेकिन कोई भी आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

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शिवाली ठाकुर ने बताया कि उद्यान विभाग ने सूखते खेतों को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है. किसानों से आग्रह किया है कि वह खेतों की नमी को बनाए रखने के लिए कदम उठाएं अन्यथा उन्हें निकट भविष्य में बेहद नुकसान हो सकता है.

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खेतों की नमी बरकरार रखने के लिए घास की मल्चिंग करें किसान

उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि बारिश न होने की वजह से किसान बिजाई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं खेतों से नमी भी कम होती जा रही है. इस लिए किसानों को चाहिए कि वह खेतों की नमी बरकरार रखने के लिए घास की मल्चिंग (Grass Mulching) करें. अगर वह घास की तह लगा कर खेतों पर रखेंगे तो जहां एक और कोहरे से बचाव होगा, वहीं खेत में नमी भी बरकरार रहेगी. परिणाम स्वरूप किसान थोड़ी बारिश के बाद बिजाई कर पाएंगे.

बता दें कि सोलन में बीते रविवार को देर रात हल्की बूंदाबांदी हुई थी. बारिश ना होने की कारण किसान मायूस हैं. रबी की फसलों की बिजाई के लिए पिछले डेढ़ माह से बारिश का इंतजार कर रहे किसानों कोई राहत नहीं मिल पाई है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते दिनों विभागीय अधिकारियों ने इस हल्की बूंदाबांदी के बाद किसानों को अपने खेतों में बिजाई करने और इसके साथ फसल का बीमा करवाने की भी सलाह दी थी. बहरहाल, किसान बारिश की आस में आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. यह समय रबी के मौसम में लगने वाली फसलों का है. इनमें मुख्यत: गेहूं की फसल बोई जाती है. इसके साथ ही सोलन जिले में नकदी फसल मटर की भी खेती होती है.