Drone Pilot Training: खेती किसानी में ड्रोन उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए का इस्तेमाल बढ़ा है. इसके देश में ड्रोन पायलटों की मांग बढ़ी है. राजस्थान सरकार भी प्रदेश में ड्रोन को बढ़ावा दे रही है. ड्रोन को चलाने के लिए ट्रेंड पायलट की जरूरत को देखते राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य में हाइटेक कृषि को बढ़ावा देने के लिए 10वीं पास लोगों को कृषि विभाग की ओर से ड्रोन पायलट (Drone Pilot) की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारत में ड्रोन उद्योग में बढ़ोतरी देखी जा रही है और अब तक 16,000 रिमोट पायलट प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके हैं. देश में डीजीसीए से मंजूरी प्राप्त रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठनों की संख्या 116 है. 

कौन ले सकता है ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग

ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग के लिए आयु सीमा 18 से 65 वर्ष रखी गई है. प्रदेश में 500 लोगों को ट्रेनिंग मिलेगी. आवेदकों को चयन प्रक्रिया पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी. प्रत्येक जिले से अधिकतम 10 प्रशिक्षणार्थियों को डोन प्रशिक्षण के लिए अनुदान दिया जायेगा.

ये भी पढ़ें- किसानों के खाते में जमा होगा उर्वरक सब्सिडी का पैसा, इकोनॉमिक सर्वे ने दिया E-RUPI से पेमेंट का सुझाव

ट्रेनिंग पर मिलेगी सब्सिडी

ट्रेनिंग कर्णं नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में होगी. विश्वविद्यालय की ओर से रिमोट पायलट के 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के लिए 50,000 रुपये फीसरखा है, लेकिन चयनित लोगों को 9,300 रुपे ही देने होंगे. जिसमें 5,000 रुपये प्रशिक्षण और 4,300 रुपये आवास व खाने का चार्ज है. निर्धारित शुल्क का 50 फीसदी कृषि विभाग और 50 फीसदी राशि में से 20,000 ये कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय वहन करेगा.

ऐसे कर सकते हैं आवेदन

आवेदक को राज किसान साथी पोर्टल अथवा राज किसान सुविधा ऐप से ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदक को 10वीं और समकक्ष की मार्क सीट स्कैन कर अपलोड करनी अनिवार्य होगी. कृषक उत्पादक संगठन, कस्टम हायरिंग केंद्र द्वारा नामित होने की स्थिति में आवेदक को संगठन या केंद्र द्वारा नामित किए जाने का प्रमाण पत्र की प्रति भी स्कैन कर अपलोड करनी होगी. प्रशिक्षण के लिए प्राथमिकता प्रदान की जा सके.

ये भी पढ़ें- धान छोड़कर किसान ने शुरू की मक्का की खेती, 30 हजार लगाकर कमाया ₹1 लाख, जानिए सफलता की कहानी

ड्रोन तकनीक से सूक्ष्म पोषक तत्वों और तरल उर्वरक पदार्थों का उपयोग आसानी से किया जा सकता है. ड्रोन संचालन के लिए प्रशिक्षित युवाओं का होना जरूरी है. बेरोजगार युवाओं के लिए ड्रोन प्रशिक्षण एक उपयोगी कार्यक्रम है. यह युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित करेगा.

किसी भी जिले से पर्याप्त संख्या में आवेदन नहीं आने की स्थिति में अन्य जिलों से प्राप्त आवेदनों की संख्या के आधार पर जिलेवार प्रशिक्षणार्थियों की संख्या का दोबारा से निर्धारण किया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद किसान खेती में नई तकनीक का प्रयोग कर सकेगें जिससे खेती को और भी बेहतर तरीक से की जा सकती है.