अक्टूबर में भारत का ऑयलमील (डी-आयल्ड केक या डीओसी) निर्यात एक साल पहले की समान अवधि के 2.89 लाख टन की तुलना में 5% बढ़कर 3.05 लाख टन हो गया है. उद्योग निकाय एसईए (SEA) ने यह जानकारी दी है. हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान कुल डीओसी निर्यात (DOC Export) पिछले वर्ष की इसी अवधि के 25.66 लाख टन के मुकाबले 7% घटकर 23.88 लाख टन रह गया, जिसका मुख्य कारण रैपसीड खली (Rapeseed Meal) और अरंडी डीओसी का कम निर्यात होना था.

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सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने एक बयान में कहा कि रैपसीड खली का निर्यात एक साल पहले के 1.69 लाख टन से घटकर अक्टूबर में 1.60 लाख टन रह गया. भारत, जो परंपरागत रूप से मवेशियों के चारे के रूप में रैपसीड खली का एक प्रमुख निर्यातक है, ने वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 22 लाख टन रैपसीड खली का निर्यात किया, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिली. एसईए ने कहा,हालांकि, यह वर्ष नई चुनौतियों को सामने लाया है.

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चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में रैपसीड खली का निर्यात 25% घटकर 11.8 लाख टन रह गया है, जो एक साल पहले की अवधि में 15.1 लाख टन था. उद्योग निकाय ने इस गिरावट के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च मूल्य निर्धारण को जिम्मेदार ठहराया और सरकार से निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए उच्च आरओडीटीईपी दरों, परिवहन सब्सिडी और ब्याज छूट के माध्यम से 15%प्रोत्साहन प्रदान करने का आग्रह किया.

अक्टूबर में सोयाबीन डीओसी का निर्यात एक साल पहले के 87,060 टन से बढ़कर 1.14 लाख टन हो गया, जबकि मूंगफली डीओसी निर्यात 1,990 टन से बढ़कर 2,733 टन हो गया. अरंडी डीओसी का निर्यात एक साल पहले के 31,469 टन से घटकर 27,960 टन रह गया। प्रमुख निर्यात गंतव्यों में दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाइलैंड, बांग्लादेश, ईरान और ताइवान शामिल हैं. 

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