Kisan Drone: दुनिया भर में खेती के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है, ताकि बेहतर उपज और उत्पादकता बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आय में भी इजाफा हो सके, देश में एग्री सेक्टर में आधुनिक मशीनों का उपयोग बढ़ाने, खेती की लागत कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा के उद्देश्य से सरकार कृषि में ड्रोन ((Drone) के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए सरकार किसानों को ड्रोन की खरीदी पर भारी सब्सिडी के साथ ही ट्रेनिंग भी दे रही है. इसी कड़ी में फर्टिलाइजर कंपनी इफको (IFFCO) कृषि ड्रोन खरीदकर ग्रामीण इलाकों के चुनिंदा उद्यमियों को सौंप रही है. इनका इस्तेमाल उर्वरक और रसायन छिड़कने के लिए किया जा रहा है.

क्या है कृषि ड्रोन?

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कृषि ड्रोन (Kisan Drone), खेती के आधुनिक उपकरणों में एक है. यह एक मानवरहित विमान होता है. इसे दूर से ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से कंट्रोल किया जाता है. दरअसल, इसमें एक जीपीएस आधारित नेविगेशन सिस्टम और अनेक सेंसर होते हैं. यह बैटरी की सहायता से काम करता है. इसमें कई तरह के उपकरण जैसे कैमरा, कीटनाशक छिड़काव यंत्र आदि भी लगे होते हैं. एक ड्रोन रोजाना 20 एकड़ रकबे में नैनो उर्वरक, पानी में घुलने वाले उर्वरक और नैनो डीएपी का छिड़काव कर सकता है.

इफको (IFFCO) ने महाराष्ट्र में सीएससी एफपीओ में काम करने वाली चार महिलाओं को ड्रोन पायलट (Drone Pilot) की ट्रेनिंग दी और ड्रोन (Drone) के साथ एक व्हीकल भी फ्री दी है. सिर्फ घर पर काम करने वाली महिलाएं अब किसानों को तकनीकी आधारित खेती में मदद कर रही है. इस कदम में इन महिलाओं के जीवन में आय के नए साधन भी विकसित हुए हैं. देशभर में नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के अपने राष्ट्रीय अभियान के तहत इफको ऐसा कर रही है.

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लिक्विड फर्टिलाइजर के इस्तेमाल को बढ़ावा

इफको खेतों में लिक्विड फर्टिलाइजर के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. इस प्रक्रिया को आसान करने के लिए अब खेतों के ऊपर ड्रोन उड़ाकर लिक्विड खादों का छिड़काव किया जा रहा है. खेतों पर ड्रोन उड़ाने के लिए सबसे पहले पुरुषों का चयन किया गया. अब इसमें महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं.

फ्री दी जा रही ट्रेनिंग

महिलाओं को ड्रोन उड़ाने के लिए मिलने वाली ट्रेनिंग फ्री दी जा रही है. ट्रेनिंग के बाद महिलाओं को मिलने वाले ड्रोन की एवज में कोई सिक्योरिटी मनी नहीं चुकानी होती है जबकि पुरुषों को ड्रोन ट्रेनिंग के लिए सिक्योरिटी मनी देनी होती है. ड्रोन उड़ाने वालों को ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन का काम रिमोट पालयट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (RPTO) के केंद्रों पर हो रहा है. ये केंद्र नागर विमानन महानिदेशालय से मान्यता प्राप्त हैं.

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