हरियाणा में पराली जलाना पड़ेगा महंगा, 2 सीजन तक मंडियों में MSP पर फसल नहीं बेच पाएंगे किसान
haryana govt strict action stubble burning farmers not be able to sell their crops at MSP in the mandis for 2 seasons
Stubble Burning: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी धान की कटाई के दौरान प्रदूषण की समस्या देखने को मिलती है. किसान अक्सर खेतों में कटाई के बाद बचे अवशेष (पराली) को जला देते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है. इस समस्या पर काबू पाने के लिए हरियाणा सरकार का कृषि विभाग युद्ध स्तर पर पराली प्रबंधन पर काम कर रहा है. कृषि उप निदेशक वजीर सिंह ने इस बारे में जानकारी दी.
पराली जलाने वाले किसानों की रेड एंट्री
उन्होंने बताया कि इस सीजन में अब तक हरियाणा के करनाल में पराली जलाने के 68 मामले सामने आए हैं. कृषि विभाग ने पराली जलाने वाले किसानों पर 1 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जबकि कृषि विभाग ने 32 ऐसे किसानों की रेड एंट्री की है जो अगले 2 सीजन तक मंडियों में एमएसपी (MSP) पर अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे.
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उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से करीब 500 टीमें भी बनाई गई हैं ताकि पराली जलाने के मामलों को रोका जा सके. पराली जलाने (Stubble Burning) की घटनाओं को रोकने के लिए टीमें गठित कर अलर्ट मोड पर रखी गई हैं. टीमें अलग-अलग गांवों में जाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रही हैं और उन किसानों पर भी नजर रख रही हैं जो पराली जला रहे हैं.
हरियाणा के कई जिलों में पराली जलाने के मामले बढ़े
बता दें कि हरियाणा के कई जिलों में पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि, जिला प्रशासन ऐसा करने वाले किसानों की पहचान कर उन पर जुर्माना लगाने के साथ कार्रवाई भी कर रहा है. अगर करनाल जिले की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो दिनों में यहां पर पराली जलाने का कोई मामला रिकॉर्ड नहीं हुआ है लेकिन अब तक जिले में पराली जलाने के 68 मामले सामने आ चुके हैं.
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