गुजरात में चीनी लहसुन की तस्करी के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, गोंडल APMC में व्यापारियों ने नीलामी रोकी
Chinese Garlic: चीनी लहसुन अपने आकार और गंध के कारण अलग है और स्थानीय फसल की तुलना में सस्ता है. इससे तस्करों और एजेंट को फायदा होता है.
Chinese Garlic: व्यापारियों ने बाजार में प्रतिबंधित चीनी लहसुन (Chinese Garlic) की अवैध आपूर्ति के विरोध में गुजरात के राजकोट जिले के गोंडल में एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कोऑपरेटिव (APMC) में नीलामी रोक दी. उन्होंने कहा कि गोंडल एपीएमसी (Gondal APMC) में चीनी लहसुन के कई बोरे पाए जाने के बाद व्यापारियों ने एक दिन का विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया.
गोंडल एपीएमसी के व्यापारी संघ के अध्यक्ष योगेश कयाडा ने कहा, हम उस अवैध तरीके के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, जिससे प्रतिबंध के बावजूद चीनी लहसुन भारत में आ रहा है. करीब 500 लहसुन व्यापारियों ने नीलामी रोक दी. किसानों ने नारे लगाए और हाथ में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
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आकार और गंध के कारण चीनी लहसुन अलग
व्यापारियों के अनुसार, चीनी लहसुन अपने आकार और गंध के कारण अलग है और स्थानीय फसल की तुलना में सस्ता है. इससे तस्करों और एजेंट को फायदा होता है. व्यापारी मनीष सावलिया ने कहा कि भारी मात्रा में अवैध रूप से भारत में भेजे जाने वाले चीनी लहसुन (Chinese Garlic) से स्थानीय किसान प्रभावित होंगे.
चीन दुनिया का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक
चीन दुनिया का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक है. भारत ने 2014 में चीनी लहसुन पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि इससे देश में ‘फंगस’ लगे उत्पाद आने की आशंका थी. इसमें कीटनाशकों की मात्रा भी बहुत अधिक होती है.
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