Nagfani ki Kheti: बंजर जमीन भी किसानों को बंपर कमाई कराएगी. इसके लिए सरकार ने खास प्लान बनाया है. बंजर भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने, आजीविका बढ़ाने के साथ-साथ जैव ईंधन (Bio Fuel) के उत्पादन की संभावना तलाशने के लिए कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में नागफनी (Cactus) के रोपण को बढ़ावा देने पर सरकार विचार कर रही है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राजस्थान के हिंगोनिया में इस्कॉन गौशाला के आसपास ‘स्पाइनलेस कैक्टस’ (Spineless Cactus) लगाने की एक पायलट परियोजना  शुरू की जा रही है.

कम सिंचाई के साथ उगता है नागफनी का पौधा

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का लगभग 30% भौगोलिक क्षेत्र बंजर भूमि की श्रेणी में है. सिंह ने कहा, हम बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और नागफनी (Cactus Pear) एक ऐसा पौधा है जो बहुत कम सिंचाई के साथ उग सकता है. यह जमीन में कार्बन को सोखने के लिए भी जाना जाता है और ऊर्जा वाला पौधा है जिसका उपयोग मीथेन के उत्पादन के लिए किया जा सकता है.

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उन्होंने कहा, इसलिए हम ऐसे क्षेत्रों में कैक्टस के बागान लगाने की योजना बना रहे हैं. एक पायलट परियोजना जयपुर के पास (हिंगोनिया में) शुरू की गई है.

इस विभाग को सौंपा गया काम

ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत भू संसाधन विभाग को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (WDC-PMKSY) के ‘वाटरशेड डेवलपमेंट शेड’ के माध्यम से बंजर भूमि को उपजाऊ भूमि की श्रेणी में लाने का काम सौंपा गया है.

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मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि जैव ईंधन, भोजन, चारा और जैव-उर्वरक उत्पादन के लिए इसके उपयोग के वास्ते बंजर भूमि पर कैक्टस (Cactus) रोपण की संभावना का पता लगाया जा रहा है.

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