Potato Prices: आलू की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को जल्द राहत मिलने की संभावना है. फसल की कम पैदावार और होली की छुट्टियों के दौरान मजदूरों की कमी जैसे कारणों से पिछले एक पखवाड़े में आलू की ‘ज्योति’ (Jyoti) किस्म की कीमतें जो 30-40 फीसदी बढ़कर 24-25 रुपये हो गई हैं, उसके एक सप्ताह में घटकर 20-21 रुपये प्रति किलोग्राम पर आने की संभावना है. ‘ज्योति’ (Chandramukhi) और इसके अन्य प्रारूप बड़े पैमाने पर बिकने वाली किस्में हैं, जबकि प्रीमियम ‘चंद्रमुखी’ किस्म की कीमत 30 रुपये तक पहुंच गई.

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स्थानीय दुकानदारों और बाजारों ने आलू की कीमत (Potato Price) में बढ़ोतरी के लिए आगामी लोकसभा चुनाव को जिम्मेदार ठहराया है. आमतौर पर यह समझा जाता है कि चुनाव के दौरान व्यापारियों को राजनीतिक दलों को चंदा देना होता है, जिसका बोझ बाद में ग्राहकों पर डाल दिया जाता है. हालांकि, उद्योग के अधिकारियों ने इस तर्क को खारिज कर दिया.

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घटेगी आलू की कीमत 

पश्चिम बंगाल वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल डे ने पीटीआई-भाषा को बताया, मुझे लगता है कि अगले हफ्ते से आलू की कीमत धीरे-धीरे कम होकर 20-21 रुपये प्रति किलोग्राम रह जानी चाहिए. होली की छुट्टियों के कारण मजदूरों की भारी कमी हो गई थी और अचानक बारिश के कारण फसलों को कुछ नुकसान हुआ था जिसके कारण कीमतों में बढ़ोतरी हुई. उन्होंने कहा कि ढुलाई के लिए जरूरी 80 फीसदी मजदूर प्रवासी हैं जो होली त्योहार के दौरान घर लौटते हैं लेकिन इस सप्ताह उनका वापस लौटना शुरू हो जायेगा. 

आलू का उत्पादन 10 फीसदी कम होने का अनुमान

पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य पतित पबन डे ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में फसलों की लोडिंग की प्रवृत्ति और रिपोर्ट को देखते हुए आलू का उत्पादन अनुमानित रूप से 10 फीसदी कम होगा. उन्होंने कहा, अब तक, लोडिंग औसतन 70-75 फीसदी के बीच ही है. प्रवृत्ति को देखते हुए अधिकतम लोडिंग 80 फीसदी से अधिक नहीं होगी. पिछले साल लोडिंग 88-89 फीसदी थी.

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उन्होंने कहा कि हुगली जिले के बाजार में थोक मूल्य 16 रुपये प्रति किलोग्राम है और कोलकाता के खुदरा बाजारों में किसी भी परिस्थिति में कीमत 22 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए. डे ने कहा कि बाजार में 'ज्योति' (Jyoti) के नाम से बिकने वाले बहुत सारे आलू संकर और अन्य किस्में हैं जो समान दिखती हैं. 

प्याज और आलू का उत्पादन कम होने की आशंका

कृषि विभाग के उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2023-24 में प्याज और आलू का उत्पादन कम होने की आशंका है. इसमें कहा गया है कि वर्ष 2023-24 के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आलू उत्पादन लगभग पांच करोड़ 89.9 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष के लगभग छह करोड़ 1.4 लाख टन के उत्पादन से थोड़ा कम है.

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