Compact Utility Tractor: भारत में 80% से ज्यादा सीमांत और छोटे किसान हैं. उनमें से एक बड़ी आबादी अभी भी बैलों से खेती करने पर निर्भर है, जिसमें परिचालन लागत, रखरखाव और खराब रिटर्न एक चुनौती है. हालांकि पावर टिलर बैलों से चलने वाले हल की जगह ले रहे हैं, लेकिन उन्हें चलाना बोझिल है. दूसरी ओर ट्रैक्टर छोटे किसानों के लिए महंगे हैं. इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, सीएसआईआर-केंद्रीय यांत्रिक इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (CSIR- CMERI) ने DST के SEED डिविजन के सहयोग से सीमांत और छोटे किसानों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कम हॉर्स पावर रेंज का एक कॉम्पैक्ट, किफायती और आसानी से चलने वाला ट्रैक्टर (Tractors) विकसित किया है.

MSME लगाएगा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट

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एक नया विकसित कॉम्पैक्ट, किफायती और आसानी से चलने वाला ट्रैक्टर छोटे और सीमांत किसानों को लागत कम रखते हुए कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकता है. किसानों को आपूर्ति के लिए ट्रैक्टरों के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए एक एमएसएमई (MSME) ने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना बनाई है.

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उन्होंने कई मौजूदा एसएचजी (SHG) के बीच इस तकनीक को बढ़ावा दिया है और इस तकनीक के लिए विशेष रूप से नए एसएचजी बनाने के प्रयास किए गए हैं. CSIR- CMERI बड़े पैमाने पर निर्माण के लिए स्थानीय कंपनियों को इसका लाइसेंस देने पर भी विचार कर रहा है, ताकि इसका फायदा स्थानीय किसानों तक पहुंच सके.

Tractor के फीचर्स

ट्रैक्टर को 9 HP डीजल इंजन के साथ विकसित किया गया है जिसमें 8 फॉरवर्ड और 2 रिवर्स स्पीड, 540 rpmपर 6 स्प्लिन के साथ PTO  है. ट्रैक्टर का कुल वजन लगभग 450 किलोग्राम है, जिसमें आगे और पीछे के पहिये का आकार क्रमशः 4.5-10 और 6-16 है. व्हीलबेस, ग्राउंड क्लीयरेंस और टर्निंग रेडियस क्रमशः 1200 मिमी, 255 मिमी और 1.75 मीटर है.

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कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर के फायदे

इससे खेती में तेजी आएगी, बैलगाड़ी से खेती करने में लगने वाले कई दिनों की तुलना में खेती कुछ ही घंटों में पूरी हो जाएगी और किसानों की पूंजी और रखरखाव लागत भी कम हो जाएगी. इसलिए, छोटे और सीमांत किसानों के लिए बैल से चलने वाले हल की जगह किफायती कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर ले सकता है. 

किसानों को सब्सिडी पर मिलेंगे ट्रैक्टर

इस तकनीक का प्रदर्शन आस-पास के गांवों और अलग-अलग निर्माताओं के सामने किया गया. रांची स्थित एक एमएसएमई ने ट्रैक्टर के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए एक प्लांट स्थापित करके इसके निर्माण में रुचि दिखाई है. वे अवग-अलग राज्य सरकार की निविदाओं के माध्यम से किसानों को सब्सिडी दरों पर विकसित ट्रैक्टर की आपूर्ति करने की योजना बना रहे हैं.

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