Rice Export Ban: उसना गैर-बासमती चावल के Export पर भी लगेगा प्रतिबंध? सरकार ने दिया ये जवाब
Rice Export Ban: सरकार ने यह कदम आगामी त्योहारी मौसम को ध्यान में रखते हुए घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और इनकी खुदरा कीमतें काबू में रखने के इरादे से उठाया था. इसके पहले पिछले साल सितंबर में टूटे चावल का निर्यात भी रोक दिया गया था.
Rice Prices: केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि उसना गैर-बासमती चावल के निर्यात (Export) पर बंदिश लगाने की सरकार की फिलहाल कोई योजना नहीं है. केंद्र सरकार ने 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल (Non-Basmati White Rice) के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने यह कदम आगामी त्योहारी मौसम को ध्यान में रखते हुए घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और इनकी खुदरा कीमतें काबू में रखने के इरादे से उठाया था. इसके पहले पिछले साल सितंबर में टूटे चावल का निर्यात भी रोक दिया गया था.
रूस से गेहूं आयात करने की योजना नहीं
चोपड़ा ने कहा, उसना गैर-बासमती चावल के निर्यात पर अंकुश लगाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. इसके साथ ही खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार की रूस से गेहूं आयात (Wheat Import) करने की भी फिलहाल कोई योजना नहीं है. सरकार ने पिछले साल मई में ही गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी.
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वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 4.8 अरब डॉलर के बासमती चावल का निर्यात किया था. मात्रा में यह निर्यात 45.6 लाख टन था. इसी तरह गैर-बासमती चावल का निर्यात पिछले वित्त वर्ष में 6.36 अरब डॉलर रहा था, जबकि इसकी मात्रा 177.9 लाख टन थी.
कीमतें बढ़ने के बाद उठाया गया कदम
खाद्य मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि देश के कुल चावल निर्यात में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25% है. इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से देश में उपभोक्ताओं के लिए कीमतें नीचे लाने में मदद मिलेगी. गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला इस अनाज की कीमतें बढ़ने के बाद उठाया गया था.
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अप्रैल-जून तिमाही में गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात 15.54 लाख टन हो गया जबकि साल भर पहले की समान तिमाही में यह 11.55 लाख टन रहा था. खरीफ फसल वर्ष 2022-23 में देश का कुल चावल उत्पादन बढ़कर 13.55 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है जबकि इसके एक साल पहले यह 12.94 करोड़ टन रहा था.