घरों से लेकर बड़े-बड़े होटलों तक इस्तेमाल होता है ये मसाला, खेती बना देगी मालामाल, जानिए उन्नत किस्में
Agri Business Idea: गर्मियों में इसका सेवन बढ़ जाता है. इसका शरबत सेहत के लिए बेहतर होता है. इससे न केवल याददाश्त बढ़ती है बल्कि आंखों की रोशनी भी बढ़ती है. ऐसे में इसकी खेती किसानों को अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा मुनाफा दे सकती है.
Agri Business Idea: मसाला फसलों में सौंफ का महत्वपूर्ण स्थान है. सौंफ अपनी खुशबू के साथ दवा में भी इस्तेमाल होता है. सौंफ (Saunf) की तासीर ठंडी होती है, इसलिए गर्मियों में इसका सेवन बढ़ जाता है. इसका शरबत सेहत के लिए बेहतर होता है. इससे न केवल याददाश्त बढ़ती है बल्कि आंखों की रोशनी भी बढ़ती है. ऐसे में इसकी खेती किसानों को अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा मुनाफा दे सकती है.
खेत की तैयारी
सौंफ की बुवाई के पहले खेत की तैयारी अच्छे से करना चाहिए. एक या दो जुताई कर लें. फिर पाटा लगाकर मिट्टी भुरभुरी कर खेत समतल कर क्यारियां बनाएं. बीटी बिताई मशीन से बीज की खेतों में रोपाई कर दें. सौंफ की खेती रेतीली मिट्टी को छोड़कर किसी भी प्रकार की मिट्टी में खेती हो सकती है. इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 6.6 और 8.0 बेहतर है.
अच्छी पैदावार के लिए 20-30 डिग्री तापमान होना जरूरी है. सौंफ की बिजाई का समय 15 से 30 अक्टूबर सही रहता है, लेकिन पछेती 15 नवंबर तक की जा सकती है. फंगीसाइड तेला से बचाव के लिए स्पे करना जरूरी है.
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कटाई के बाद फसल को सूखने दें
सौंफ के अम्बेल पूरी तरह विकसित होकर बीज पूरी तरह पकने पर कटाई करें. कटाई के बाद इसे एक से दो दिन खेतों में सूखने के लिए रख दें. इसके बाद 8 से 10 दिन इसे छायादार जगह सुखाएं ताकि सौंफ का हरा रंग बरकरार रहे.
एक बीघा से कितनी कमाई
सौंफ विपरित परिस्थितियों में भी अच्छा उत्पादन देता है. अन्य फसलों की तुलना में सौंफ ज्यादा मुनाफे वाली फसल है. एक बीघा में खेती करने पर 1 लाख रुपये का मुनाफा होगा. बाजार में सौंफ का भाव 15 से 20 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक मिल जाएंगे. सौंफ हरी रहने पर अच्छे भाव मिलते हैं.
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सौंफ की उन्नत किस्में
सौंफ की खेती के लिए इसकी उन्नत किस्मों की बुवाई करनी चाहिए. इसकी उन्नत किस्मों में आर.एफ- 105, आर.एफ-125, पी.एफ-35, गुजरात सौंफ-1, गुजरात सौंफ-2, गुजरात सौंफ-11, को-11, हिसार स्वरूप, एन.आर.सीए.एस.एस.ए.एफ-1 शामिल हैं.