इस खास तकनीक से करें प्याज की अगेती खेती, 70-80 दिनों में तैयार हो जाएगी फसल, होगी तगड़ी कमाई
Onion Cultivation: यह फसल रोपाई की फसल की तुलना में लगभग एक माह पहले पक जाती है, जो किसानों के लिए फायदेमंद है.
Onion Cultivation: प्याज का इस्तेमाल किचन में दुनिया भर में होता है. पूरे देश में नवंबर से फरवरी तक मांग और सप्लाई के अंतर को पूरा करने में खरीफ प्याज की महत्वपूर्ण भूमिका है. खरीफ फसल की उत्पादकता कम होती है. यह फसल बारिश में होने वाले रोगों से ग्रसित भी होती है. ऐसे में किसान सेट्स के जरिए प्याज का उत्पादन (Onion Cultivation) कर सकते हैं. सेट्स के माध्यम से प्याज का उत्पादन खरीफ मौसम के लिए एक आधुनिक तकनीक है. यह तकनीक ऐसे क्षेत्रों के लिए बेहतर है, जहां पर गर्म और आर्द्र परिस्थितियों के कारण मई-जून में नर्सरी उगाना मुश्किल होता है. सेट्स तकनीक द्वारा प्याज को कम समय में उगाने के लिए खरीफ में उगाया जाता है. नर्सरी की रोपाई से फसल की तुलना में सेट्स द्वारा फसल उगाने में कम समय लगता है. इसलिए कम अवधि में उत्पादन के लिए सेट्स तकनीक का उपयोग किया जा सकता है.
क्या है सेट्स तकनीक से प्याज की खेती (Onion Cultivation)
सेट्स तकनीक द्वारा पहले प्याज के सेट्स (छोटे कंद) बनाए जाते हैं, फिर उन्हीं सेट्स को नर्सरी के बदले लगाकर व्यावसायिक प्याज का उत्पादन लिया जाता है. सेट्स, आमतौर पर नर्सरी वाली फसल की तुलना में 3-4 हफ्ते पहले तैयार होते हैं. ये बीज वाले प्याज की तुलना में अधिक उपज देते हैं. व्यावसायिक रूप से इस तकनीक का उपयोग ज्यादातर हरे प्याज और सूखे कंदों के उत्पादन के लिए किया जाता है.
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सेट्स उत्पादन की विधि
आईसीएआर रिपोर्ट के मुताबिक, सेट्स का उत्पादन जनवरी के अंतिम हफ्ते से मध्य फरवरी तक नर्सरी की क्यारियों में बीज बोकर किया जाता है. समान्यत: 5x1 मीटर आकार की क्यारियां या चौड़ी उठी हुई क्यारियां 1.2 मीटर चौड़ाई और 60 मीटर लंबाई तक बनाते हैं. नर्सरी क्यारी में बुवाई के लिए 12 ग्राम प्रति वर्गमीटर प्याज के बीजों की जरूरत होती है. एक हेक्टेयर में पौधे लगाने के लिए लगभग 10-12 किग्रा बीजों की जरूरत होती है.
सेट्स उत्पादन के लिए किस्में
भीमा सुपर, भीमा डार्क और भीमा श्वेता किस्मों को प्याज और लहसुन पर भारतीय नेटवर्क अनुसंधान परियोजना के माध्यम से सेट्स उत्पादन के लिए अनुमोदित किया गया है. यह फसल रोपाई की फसल की तुलना में लगभग एक माह पहले पक जाती है, जो किसानों के लिए फायदेमंद है.
सेट्स तकनीक द्वारा व्यावसायिक प्याज 70-80 दिनों में तैयार हो जाता है. यह आमतौर पर नर्सरी वाली फसल की तुलना में 3-4 हफ्ते पहले तैयार हो जाता है. इससे 10-12 टन प्रति एकड़ प्याज का उत्पादन मिलता है.