Business Idea: हर घर-रेस्टोरेंट में इस्तेमाल होता है ये मसाला, खेती से बन जाएंगे अमीर, जानिए तरीका
Saunf ki Kheti: सौंफ की खेती खरीफ और रबी दोनों ही मौसम में की जा सकती है. खरीफ में इसकी बुवाई जुलाई में और रबी के सीजन में इसकी बुवाई अक्टूबर के अंतिम हफ्ते से लेकर नवंबर के पहले हफ्ते तक की जा सकती है.
Saunf ki Kheti: मसाला फसलों में सौंफ (Fennel Seed) का अपना विशेष स्थान है. यह अत्यधिक सुगंधित होता है. इसका अलग-अलग प्रकार के पकवान और औषधियों में उपयोग होता रहा है. हाल के समय में यह एक मसाला उत्पादन के रूप में काफी प्रचलित हुआ है. हर घर के किचन और रेस्टोरेंट्स में इसने अपनी जगह बना ली है. केसर, वनिला की तरह सौंफ (Saunf) भी एक महंगा मसाला है. किसान सौंफ की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
कब की जा सकती है सौंफ की खेती
सौंफ की खेती खरीफ और रबी दोनों ही मौसम में की जा सकती है. खरीफ में इसकी बुवाई जुलाई में और रबी के सीजन में इसकी बुवाई अक्टूबर के अंतिम हफ्ते से लेकर नवंबर के पहले हफ्ते तक की जा सकती है.
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सौंफ की खेती (Fennel Seed) के लिए खेत की तैयारी करते समय पहली जुताई मिट्टी पलटने के बाद में 3 से 4 जुताई करके खेत को समतल बना लें. खेती की आखिरी के जुताई समय 150 से 200 कुंतल सड़ी गोबर की खाद मिला देनी चाहिए और पाटा फेर दे ताकि खाद मिट्टी में अच्छी तरह मिल जाए. इसके अच्छे पैदावार के लिए 20 से 30 डिग्री का तापमान होना बेहद जरूरी माना जाता है.
सौंफ की मांग बढ़ी
जैसे-जैसे विदेश और देश में 'फॉर्म टू फोर्क' रेस्टोरेंट, की मांग बढ़ती जा रही है. वैसे ही सौंफ जैसे अधिक रोचक और दुर्लभ मसाला उत्पादन की मांग बढ़ेगी.
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फसल की कटाई
सौंफ जब पूरी तरह विकसित हो जाए और बीज पूरी तरह जब पककर सूख जावे तब गुच्छों की कटाई करनी चाहिए. कटाई के बाद एक-दो दिन धूप में सुखा देना चाहिए और हरा रंग रखने के लिए 8 से 10 दिन छाया में सुखाना चाहिए. कटाई के बाद गुच्छों को छाया में ही अच्छी तरह सुखा लेना चाहिए.
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