E-auction of wheat: भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने बुधवार को हुई पहली ई-नीलामी में खुले बाजार के माध्यम से बिक्री के लिए अपने 25 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में से 22 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पेशकश की.आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ई-नीलामी में भाग लेने के लिए 1,100 से ज्यादा बोली लगाने वाले आगे आए. न्यूज एजेंसी IANS की खबर के मुताबिक, नीलामी के पहले दिन 22 राज्यों में 8.88 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री हुई. राजस्थान में गुरुवार को बोली लगाई जा रही है, जबकि मार्च के दूसरे सप्ताह तक हर बुधवार को पूरे देश में ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं की बिक्री जारी रहेगी.

क्या होगा रेट

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खबर के मुताबिक, केंद्र ने केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ (NCCF) और एनएएफईडी (NAFED) जैसे सहकारी समितियों और महासंघों को बिना ई-नीलामी (E-auction of wheat) के बिक्री के लिए 2,350 रुपये प्रति क्विंटल की रियायती दर पर गेहूं को आटे (wheat flour price) में बदलने के लिए रिजर्व किया है. इसके बाद इसे 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के एमआरपी पर जनता के लिए पेश किया जाएगा. एनसीसीएफ को उपरोक्त योजना के तहत सात राज्यों में 50,000 मीट्रिक टन गेहूं के स्टॉक को उठाने की परमिशन दी गई है.

आटे की कीमत कम करने की होती है कवायद

एनएएफईडी (NAFED) को एक लाख मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन किया जाता है और इतनी ही मात्रा में इस योजना के तहत केंद्रीय भंडार को दिया जाता है ताकि देश भर में आटे की कीमत कम हो सके. गेहूं (E-auction of wheat) की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह खुले बाजार में 30 लाख मीट्रिक टन जरूरी वस्तु को कई चैनलों के माध्यम से दो महीने के भीतर उतारेगी, जिससे उपभोक्ताओं को तेजी से डिस्ट्रीब्यूशन की सुविधा मिलेगी.

2000 डिपो चलाता है FCI

फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया पूरे देश में अपने करीब 500 डिपो सहित 2000 डिपो चलाता है. एफसीआई ने अपनी भंडारण क्षमता को 1965 में 6 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर वर्तमान में 800 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कर दिया है.

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