Namo Drone Didi: एग्री सेक्टर में महिलाओं का बेहतर योगदान सुनिश्चित करने और ड्रोन (Drone) के जरिये खेती को आसान बनाने की सरकार की योजना के तहत पूरे देश में 15,000 ‘नमो ड्रोन दीदी’ (Namo Drone Didi) को प्रशिक्षित किया जाएगा. यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान दी. करंदलाजे ने लोक जन शक्ति पार्टी (एलजेएसपी) के महबूब अली कैसर के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस वर्ष लाल किले के प्राचीर से कहा था कि सरकार महिलाओं को भी ड्रोन संचालन के लिए प्रशिक्षित करेगी और इसी के मद्देनजर 15,000 महिलाओं को ड्रोन का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

30 हजार महिलाओं को दी जाएगी ड्रोन ट्रेनिंग

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा कि इन ‘नमो ड्रोन दीदी’ के साथ एक सहायिका को भी प्रशिक्षित किया जाना है और इस प्रकार 30,000 महिलाओं को ड्रोन (Drone) प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे कृषि कार्यों में ड्रोन के इस्तेमाल में महत्वपूर्ण निभा सकें.

ये भी पढ़ें- कृषि वैज्ञानिकों ने विकसित की धान की नई वेरायटी, पराली जलाने की समस्या को करेगा कम, मिलेगी बंपर पैदावार

प्राइवेट कंपनी करेगी ड्रोन की सप्लाई

ग्रामीण इलाकों में ड्रोन (Kisan Drone) की कमी के संबंध में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की के. कनिमोई के पूरक प्रश्न के उत्तर में करंदलाजे ने कहा कि इसके लिए ड्रोन उत्पादकों को सरकार सहायता प्रदान कर रही है, साथ ही एक निजी कंपनी को ड्रोन की आपूर्ति के लिए कहा गया है.

किसानों के दी जा रही ट्रेनिंग

राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कौशल विकास (Skill Development) का कार्यक्रम पूरे देश में जारी है और कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार के कौशल विकास विभाग, राज्यों के अलग-अलग कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों और ‘आत्मा’ (ATMA) योजना के तहत किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 

ये भी पढ़ें- पान की खेती से करें कमाई, सरकार भी देगी 35250 रुपये

ड्रोन के साथ खेती की भी ट्रेनिंग

उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में 4 करोड़ 48 लाख किसानों को अलग-अलग विभाग से प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने कहा कि किसानों को कौशल विकास विभाग की ओर से 200 घंटे का प्रशिक्षण और कृषि विज्ञान केंद्र से 7 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसके तहत मशरूम की खेती (Mushroom Farming), बागवानी (Horticulture), मधुमक्खी पालन (Bee Keeping), मत्स्य पालन (Fish Farming) आदि का प्रशिक्षण शामिल है.

ये भी पढ़ें- कम लागत में चाहिए गेहूं का बंपर उत्पादन तो इस तकनीक से करें बुवाई, मिलेगा ज्यादा मुनाफा

एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि बिहार में 6,49,228 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 5,10,728 को प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये हैं.