इस फसल की खेती से होगी भरपूर कमाई, गेहूं से 4 गुना ज्यादा है MSP
गरमा मौसम में तिल की खेती को बढ़ावा मिल रहा है. तिल की व्यावसायिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार सरकार ने योजना भी चलाई हैं.
Sesame seed: गरमा मौसम में तिल की खेती को बढ़ावा मिल रहा है. तिल की व्यावसायिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार सरकार ने योजना भी चलाई हैं. बिहार के गया जिले में तिकलुट उद्योग को तिल (Sesame seed) की आपूर्ति स्तर पर हो जाए, इसके लिए तिल की खेती कर रहे किसानों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है.
गया का तिलकुट पूरे देश में प्रसिद्ध है, लेकिन तिलकुट बनाने के लिए तिल दूसरे राज्यों विशेषकर राजस्थान और गुजरात से लाना पड़ता है. किसानों को तिल की किस्म जीटी-5 का 50 क्विंटल बीज अनुदानित दर पर किसानों को उपलब्ध कराया गया.
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8,635 रुपये प्रति क्विंटल MSP
इस वर्ष गरमा मौसम में लगभग 1300 हेक्टेयर में तिल की खेती गया जिला के गुरारू, शेरघाटी, परैया, टेकारी, मोहनपुर और टनकुप्पा सहित सभी प्रखंडों में की जा रही है. कृषि विभाग के मुताबिक, तिलकुट बिजनेस से जुड़े व्यापारियों ने किसानों से संपर्क कर औसतन 140-180 रुपये प्रति किलो दर से तिल की खरीदारी की गई, जो कि तिल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ज्यादा था. तिल का समर्थन मूल्य वर्ष 2023-24 में 8,635 रुपये प्रति क्विंटल था.