सरकार ने किसानों को दिया दिवाली का तोहफा, रबी की फसलों पर MSP में बढ़ोतरी को कैबिनेट ने दी मंजूरी
Cabinet Decision: कैबिनेट ने रबी की फसलों पर मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) में बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है. कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) ने गेहूं समेत सभी रबी फसलों की एमएसपी में 9% बढ़ोतरी की सिफारिश की थी.
Cabinet Decision: केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. कैबिनेट ने रबी की फसलों पर मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) में बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है. कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) ने गेहूं समेत सभी रबी फसलों की एमएसपी में 9% बढ़ोतरी की सिफारिश की थी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में आज कैबिनेट और CCEA की बैठक हुई. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी.
कितनी बढ़ी रबी फसलों की MSP?
कैबिनेट ने मार्केटिंग ईयर 2023-24 के लिए सभी रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी की मंजूरी दी. मसूर के एमएसपी में सबसे ज्यादा 500 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. कैबिनेट ने सरसों की MSP में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है. वहीं जूट की MSP में 110 रुपये क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. CACP की सभी सिफारिशों को कैबिनेट से मंजूरी मिली है.
मसूर की MSP अब 5500 रुपये से बढ़कर 6000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई. इसके अलावा, गेहूं की MSP में 110 रुपये का इजाफा हुआ है. यह अब 2015 रुपये बढ़कर 2125 रुपये प्रति क्विंटल हो गया.
क्या होती है MSP और क्यों तय किया जाता है?
MSP वह मिनिमम प्राइस है जिस पर सरकार, किसानों से फसल खरीदती है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि सरकार, किसान से खरीदी जाने वाली फसल पर उसे जो पैसे चुकाती है वही MSP होता है. इससे नीचे किसानों को उनकी फसलों के लिए भुगतान नहीं किया जाता. किसी फसल का MSP इसलिए तय किया जाता है ताकि किसानों को किसी भी हालत में उनकी फसल के लिए एक वाजिब न्यूनतम मूल्य मिलता रहे.
MSP का ऐलान सरकार की तरफ से कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिश पर साल में दो बार रबी और खरीफ के मौसम में किया जाता है. गन्ने का समर्थन मूल्य गन्ना आयोग तय करता है.