Paddy Procurement: झारखंड के कई जिलों में किसानों से सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी पर ब्रेक लग गया है. हर रोज हजारों किसान धान खरीद केंद्रों से निराश लौट रहे हैं. पैक्स (PACS) और लैम्पस के गोदाम भर जाने की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है. राइस मिलर्स की ओर से पैक्स और लैम्पस से धान का उठाव नहीं किया जा रहा है और इस वजह से स्थानीय गोदामों में जगह नहीं बची है. कुछ जिलों में सर्वर डाउन और अन्य तकनीकी वजहों से धान खरीद की गति बेहद धीमी है. 

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सरकारी खरीद केंद्रों में धान की खरीदारी की दर बोनस सहित 2400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है, जबकि बिचौलिए 1,800 से 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रहे हैं. धनबाद, हजारीबाग, गढ़वा, चाईबासा, चतरा, रामगढ़, रांची, जामताड़ा, गिरिडीह, लातेहार, गोड्डा, पाकुड, देवघर, साहिबगंज, गुमला, खूंटी सहित कई जिलों में निर्धारित लक्ष्य की तुलना में मात्र 8 से लेकर 40% तक धान की खरीदारी हुई है. खाद्य आपूर्ति, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले विभाग के संयुक्त सचिव ने दो दिन पूर्व राज्य के 12 जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखकर धान की धीमी गति से खरीदारी पर चिंता जताते हुए जरूरी निर्देश दिए हैं.

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हजारीबाग जिले के ज्यादातर पैक्स (PACS) और लैम्पस ने गोदाम भर जाने की वजह से धान की खरीदारी रोक दी है. बरही विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक मनोज कुमार यादव ने इसे लेकर 12 जनवरी को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इस समस्या के निराकरण के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि हजारीबाग जिले में लगभग एक माह से धान की खरीदारी बंद है. इसका फायदा बिचौलिए उठा रहे हैं, जो किसानों से मनमानी कीमत पर धान खरीद रहे हैं.

धान खरीद के लिए कुल 699 केंद्र बनाए

राज्य सरकार ने धान खरीद के लिए पूरे राज्य में कुल 699 केंद्र बनाए हैं, जहां 15 दिसंबर से खरीदारी शुरू की गई थी. राज्य में पिछले साल की तरह इस बार भी कुल 60 लाख क्विंटल धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अब तक राज्य के 2 लाख 40 हजार से ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, लेकिन आलम यह है कि ज्यादातर केंद्रों पर खरीदारी पर ब्रेक लग गया है.

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सरकार की ओर से किए गए प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इस वर्ष 41.38 लाख टन धान का उत्पादन हुआ है. इस वर्ष करीब 15.48 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई थी. 2023 में राज्य में 32.10 लाख टन धान की उपज हुई थी.

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