Tea City के रूप में होगी किशनगंज की पहचान, 50 हजार एकड़ में हो रही चाय की खेती
Tea City kishanganj: चाय के उत्पादन (Tea Production) के क्षेत्र में किशनगंज जिला राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी पहचान बना रहा है. यहां लगभग 50,000 एकड़ में चाय के बगान हैं.
बिहार के किशनगंज में बढ़ रहा चाय उत्पादन, 'टी सिटी' बनने का सपना होगा साकार.(Image- Freepik)
बिहार के किशनगंज में बढ़ रहा चाय उत्पादन, 'टी सिटी' बनने का सपना होगा साकार.(Image- Freepik)
Tea City kishanganj: बिहार के सीमावर्ती जिला किशनगंज (kishanganj) नेपाल, बंग्लादेश और पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है. यह इलाका राजनीतिक रूप से सभी राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. हाल के दिनों में किशनगंज की पहचान तेजी से उभरते चाय केंद्र के रूप में हुई है. चाय के उत्पादन (Tea Production) के क्षेत्र में यह जिला राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी पहचान बना रहा है. आज देश में अधिकांश लोगों के दिन की शुरूआत गर्म-गर्म चाय के साथ होती है. कहा जाता है कि यहां चाय की खेती का आकर्षण मौजूद है तो संभावनाएं भी बहुत अधिक हैं.
50,000 एकड़ भूमि पर चाय के बगान
बताया जाता है कि वर्तमान में किशनगंज में लगभग 50,000 एकड़ भूमि पर चाय के बगान हैं. स्थानीय लोगों का दावा है कि यहां उत्पादित होने वाली चाय की गुणवत्ता ऐसी है कि इसकी मांग देश के सभी कोनों में है. कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो किशनगंज के पांच प्रखंड किशनगंज, पोठिया, ठाकुरगंज, बहादुरगंज और दिघलबैंक की मिट्टी और जलवायु चाय बागान के लिए बहुत उपयुक्त है. चाय बगान के जानकार बताते हैं कि यहां के चाय बगान नए हैं जिस कारण यहां के चाय की गुणवत्ता बहुत अच्छी मानी जाती है.
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33,000 मीट्रिक टन चाय का उत्पादन
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स्थानीय लोगों की मानें तो किशनगंज में वर्ष 1993 में प्रायोगिक आधार पर पोठिया प्रखंड के एक गांव में मात्र 5 एकड़ जमीन पर चाय बागान की शुरूआत की गई थी. शुरूआत में एक प्रयोग के रूप में जो शुरू हुआ था, वह अब एक फलते-फूलते व्यापार में विकसित हो गया है. आज किशनगंज पर चाय के बड़े व्यपारियों से लेकर छोटे किसानों तक की नजर है. बिहार टी प्लांटर्स एसोसिएशन के एक अधिकारी बताते हैं कि इस क्षेत्र में प्रति वर्ष लगभग 1.50 मीट्रिक टन चाय की हरी पत्तियों का उत्पादन होता है. जबकि इससे 33,000 मीट्रिक टन चाय निकलती है. जिले में फिलहाल 12 चाय प्रोसेसिंग यूनिट हैं.
5,000 से अधिक किसान चाय बागान से जुड़े
जिला बागवानी अधिकारी रजनी सिन्हा दावे के साथ कहती हैं कि आज चाय बगान के कारण इस इलाके से मजदूरों का पलायन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि इसकी खेती के लिए मिलने वाले कई सरकारी लाभों के कारण भी किसान अपने खेत में धान और गेहूं उगाने के बदले चाय बगान की ओर रुख कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में 5,000 से अधिक किसान चाय बागान से जुड़े हैं. किशनगंज में चाय बगान की शुरूआत करने वाले राज करण दफ्तरी का कहना है कि उन्होंने पहले यही सोचकर यहां चाय की खेती की शुरूआत की थी कि जब असम और पश्चिम बंगाल में चाय उगाई जा सकती है तो किशनगंज में क्यों नहीं, जहां इसी तरह का मौसम रहता है. उन्होंने बताया कि आज उनका पूरा परिवार चाय के व्यवसाय से ही जुड़ा हुआ है.
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देश में पांचवें स्थान पर
बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत भी कहते हैं कि किशनगंज ही नहीं आसपास के इलाके भी चाय की खेती के अनुकूल हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में चाय उद्योग की संभावना बहुत उज्जवल है. राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार वर्तमान में चाय बागान की गुणवत्ता के मामले में देश में पांचवें स्थान पर है. उन्होंने हालांकि अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में चाय का उत्पादन होता है यह बहुत कम लोग जानते हैं. चाय उत्पादों को बढ़ाने के लिए उनकी योजना राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और पेट्रोल पंपों पर बड़े-बड़े होडिर्ंग लगाने की है. जिससे लोगों को पता चल सके कि बिहार में चाय के बागान भी हैं. हम अपनी चाय को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सथापित करने के लिए एक नीति भी तैयार कर रहे हैं.
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'Tea City' के रूप में होगी किशनगंज की पहचान
इधर, चाय व्यापारियों की मांग प्रोसेसिंग यूनिट्स को लेकर है. व्यपारियों का कहना है कि किशनगंज में आज 12 प्रोसेसिंग यूनिट्स हैं जबकि यहां करीब 50 प्रोसेसिंग यूनिट्स की जरूरत है. चाय व्यापारी राजीव बताते हैं कि किशनगंज में प्रोसेसिंग यूनिट के न होने से हमें चायपत्ती को प्रोसेसिंग के लिए पड़ोसी राज्यों में भेजने के लिए मजबूर होना पड़ता है. ट्रांसपोर्टेशन के दौरान चाय की पत्तियां खराब हो जाती हैं. स्थानीय व्यापारियों की मानें तो किशनगंज में चाय का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. इन व्यापारियों का सपना है कि किशनगंज की पहचान 'Tea City' के रूप में हो.
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06:41 PM IST