Agri Startup: अगर आप खेती-किसानी से जुड़ा बिजनेस करना चाहते हैं तो आपके लिए बिहार बेहतरीन डेस्टिनेशन हो सकता है. बिहार सरकार ने एग्री स्टार्टअप के लिए खजाना खोल दिया है. एग्री स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार तीन योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं के तहत एग्री बिजनेस शुरू करने वालों को बिहार सरकार बंपर सब्सिडी के साथ लोन तक की सुविधा दे रही है. किसान, कृषि उद्यमी, किसान उत्पादक समूह और कृषि सम्बन्धी स्टार्टअप के लिए यह सुनहरा अवसर है. आइए जानते हैं इन योजनाओं के बारे में विस्तार से.

1. एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम

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किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में किसानों को खेती-किसानी से जुड़े उद्योगों को लगाने की भी सलाह दी जा रही है. इसके लिए किसानों को आर्थिक मदद भी दी जाती है. एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत उद्योग लगाने वाले किसानों को फंड भी दिया जाता है.

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इस योजना के तहत स्टार्टअप शुरू करने वालों को टर्म लोन पर 3% ब्याज छूट (Interest Subvention), 2 करोड़ तक लोन 7 वर्षों के लिए मिलता है. केंद्र या राज्य सरकार की सभी योजनाओं के साथ कंवर्जेंश के लिए टॉप अप योजना है. लोन मोरेटोरियम की अवधि अधिकतम 2 वर्ष है.

यहां करें आवेदन

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के आवेदन के लिए agriinfra.dac.gov.in पर जाएं. अधिक जानकारी के लिए राज्यस्तरीय पी.एम.यू (9553308306/8051985095) या agri.aif.fpo@gmail.com पर संपर्क करें.

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2. बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति, 2020

बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति, 2020 के तहत कृषि आधारित फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री और वैल्यू एडेड यूनिट के निवेशकों को कैपिटल सब्सिडी मिलती है. मखाना, फल और सब्जियां, शहद, औषधीय व सुगंधित पौधे, मक्का, चाय व बीज में प्रोसेसिंग और इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कैपिटल सब्सिडी दिया जाएगा. न्यूनतम 25 लाख रुपये और अधिकतम 5 करोड़ रुपये की योजनाएं लाभ के पात्र होंगे. नई यूनिट की स्थापना/विस्तार/आधुनिकीकरण/विविधीकरण के लिए अनुमान्य है.

सब्सिडी के प्रकार

व्यक्तिगत निवेशकों पार्टनरशिप फर्म, सीमित देयता फर्म/कंपनियां पर 15 फीसदी सब्सिडी मिलेगी. वहीं किसान उत्पादन कंपनियां (FPC) को 25%, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अति पिछड़ा वर्ग के निवेशक को 15 फीसदी + 5 फीसदी अतिरिक्त, महिला उद्यमी/दिव्यांग/युद्ध में शहीद की विधवा/ तेजाब पीड़ित/ थर्ड जेंडर के निवेशक को 15 फीसदी + 2 फीसदी अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी.

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कैसे करें अप्लाई

आवेदन के लिए आप horticulture.bihar.gov.in पर जाएं. अधिक जानकारी के लिए तकनीकी सहायता दल 8521619464 या agri-in-policy2020@bihar.gov.in पर संपर्क करें.

3. इंटिग्रेटेड बागवानी विकास योजना

इंटिग्रेटेड बागवानी विकास योजना/ मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजनान्तर्गत अनुदान की व्यवस्था की गई है. राइपनिंग चैंबर (Ripening Chamber) लगाने पर 1 लाख रुपये प्रति मीट्रिक टन, पैक हाउस पर 4 लाख रुपये प्रति यूनिट, एकीकृत पैक हाउस 50 लाख रुपये प्रति यूनिट, रेफ्रिजरेटेड व्हीकल के लिए 26 लाख रुपये प्रति यूनिट, ग्रामीण बाजार (Rural Market) के लिए 25 लाख रुपये प्रति यूनिट, रिटेल मार्केट के लिए 15 लाख रुपये प्रति यूनिट, सोलर माइक्रो कूल चैंबर पर 13 लाख रुपये और डिस्टिलेशन यूनिट के लिए 5 लाख रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी मिलेगी.

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आपको बता दें कि सब्सिडी रेट- किसान को 50%, किसान उत्पादक कंपनी/संगठन को 75% है. सोलर माइक्रो कूल चैंबर और डिस्टिलेशन यूनिट मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत वित्तीय सहायता के माध्यम से कार्यान्वित किए जा रहे हैं. क्रेडिट लिंक्ड बैंक एंडेड सब्सिडी सिर्फ 5 लाख रुपये प्रति यूनिट वाले लागत से ऊपर की परियोजनाओं के लिए लागू है.

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