Wheat Prices: सरकार ने 15 वर्ष में पहली बार गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए 31 मार्च, 2024 तक तत्काल प्रभाव से गेहूं पर स्टॉक लिमिट लागू कर दी. सरकार ने ओपन मार्केट सेल्स स्कीम (OMSS) के तहत पहले चरण में केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला किया है.

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31 मार्च 2024 तक लगी स्टॉक लिमिट

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा, पिछले महीने में गेहूं की कीमतों में तेजी आई है. मंडी स्तर पर कीमतों में करीब 8% की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, थोक और खुदरा कीमतों में इतना इजाफा नहीं हुआ है, लेकिन सरकार ने गेहूं पर स्टॉक सीमा लगा दी है. यह ‘स्टॉक लिमिट’, व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी रिटेल चेन विक्रेताओं और प्रोसेसर्स पर 31 मार्च, 2024 तक के लिए लगाई गई है.

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स्टॉक लिमिट

लिहाजा स्थिति को कंट्रोल करने और सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट पूरा करने के लिए सरकार ने स्टॉक लिमिट लगा दी है.होल सेलर्स के लिए 3,000 मीट्रिक टन और रिटेलर्स के लिए 10,000 मीट्रिक टन की स्टॉक लिमिट लगाई गई है. इससे सरकार का मकसद है कि मार्केट में गेहूं का जो आर्टिफिशयल क्रंच है वो कम हो जाए.

सरकार का कहना है कि इम्पोर्ट में कोई कमी नहीं दिख रही है. सरकार का मानना है कि होडर्स जानबूझकर गेहूं की जमाखोरी कर रहे हैं या फिर कहीं इसकी कालाबाजारी हो रही है.

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