देश के लाखों किसानों के लिए सरकार ने लॉन्च किया नया पोर्टल, ऑनलाइन खुद बेच सकेंगे दाल, खाते में सीधे आएंगे पैसे
Tur Dal Procurement Portal: सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को तुअर दाल खरीद मंच पेश किया और कहा कि दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए.
Tur Dal Procurement Portal: सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को तुअर दाल खरीद मंच पेश किया और कहा कि दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए. उन्होंने साथ ही कहा कि हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे. इस मंच पर किसान पंजीकरण करा सकते हैं और अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य या बाजार मूल्य पर NAFED और NCCF को बेच सकते हैं. शाह ने कहा कि भविष्य में उड़द और मसूर दाल के किसानों के साथ-साथ मक्का किसानों के लिए भी इसी तरह की सुविधा शुरू की जाएगी.
किसानों को ट्रांसफर किए 68 लाख रुपये
मंत्री ने मंच के माध्यम से तुअर की बिक्री के भुगतान के लिए 25 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के जरिए करीब 68 लाख रुपये हस्तांतरित भी किए. सहकारी राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (NCCF) 'बफर' भंडार बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से दालों की खरीद का काम करते हैं.
फसल से पहले मिलेगा बाजार
मंत्री ने कहा कि बुआई से पहले तुअर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर NAFED और NCCF को अपनी उपज बेचने के लिए मंच पर पंजीकरण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि पंजीकृत तुअर किसानों के पास NAFED/NCCF या खुले बाजार में बेचने का विकल्प होगा. अगर तुअर दाल का खुले बाजार में मूल्य MSP से अधिक रहता है, तो उस स्थिति में एक विधि के जरिए औसत दर निकाली जाएगी.
शाह ने कहा कि अधिक किसान दालों की खेती नहीं कर रहे हैं क्योंकि कीमतें सुनिश्चित नहीं हैं. मंच के जरिए खरीद के साथ यह पहल कृषि क्षेत्र में एक बड़ा सुधार लाएगी और दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद करेगी.
2027 तक आत्मनिर्भर बनेगा देश
उन्होंने कहा कि तुअर की खरीद किसानों से की जाएगी और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की गारंटी है. शाह ने कहा कि देश अब भी चना और मूंग को छोड़कर कई प्रकार की दालों के लिए आयात पर निर्भर है. मंत्री ने कहा कि दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए. हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे.
उन्होंने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), किसान उत्पादक संगठनों (FPO) तथा प्रगतिशील किसानों से मंच के बारे में जागरूकता फैलाने और किसानों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में दो गुना से अधिक की वृद्धि के दम पर पिछले 10 वर्षों में दालों का उत्पादन 2013-14 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 1.92 करोड़ टन से बढ़कर 2022-23 में 2.605 करोड़ टन हो गया है. हालांकि, दालों का घरेलू उत्पादन अब भी खपत से कम है और आयात पर निर्भर है. इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी उपस्थित रहे.