Natural Farming: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह नेभारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) की कलोल में स्थित इकाई में नैनो डीएपी (Diammonium Phosphate liquid) प्लांट का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि इफको का नैनो यूरिया (Nano Urea) और नैनो डीएपी (Nano DAP) किसानों को पैदावार से किसी भी तरह का समझौता किए बगैर प्राकृतिक खेती (Natural Farming) अपनाने में मदद करेगा. इफको ने इसे दुनिया में अपनी तरह का पहला प्लांट बताया है.

प्राकृतिक खेती आज की जरूरत

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बयान के मुताबिक, सहकारिता मंत्री (Cooperation Minister) ने इस अवसर पर कहा, आज से दस साल बाद जब कृषि के क्षेत्र में सबसे बड़े प्रयोगों की सूची तैयार की जाएगी, तो मैं पूरे यकीन से कह सकता हूं कि इफको के नैनो यूरिया (Nano Urea) और नैनो डीएपी (Nano DAP) को उसमें जगह मिलेगी. उन्होंने कहा कि यूरिया का उपयोग कम करना और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) की ओर बढ़ना आज के वक्त की जरूरत है.

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शाह ने कहा, अगर आप तीन साल तक उत्पादन कम किए बगैर प्राकृतिक खेती करना चाहते हैं, तो नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का उपयोग करें. ऐसी खेती के लिए मिट्टी तैयार करने के लिए तीन साल का समय जरूरी होता है. 

दानेदार यूरिया फसल और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

उन्होंने किसानों से दानेदार यूरिया और डीएपी के बजाय इन उर्वरकों के लिक्विड रूपों को अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि दानेदार यूरिया का उपयोग न केवल फसलों को बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है.

उन्होंने पिछली सरकार पर किसानों और खेती दोनों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनिश्चित किया है कि कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के बाद उर्वरक की लागत बढ़ने का बोझ किसानों पर न डाला जाए. इसकी वजह से उर्वरक पर सब्सिडी 2013-14 के 73,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2.55 लाख करोड़ रुपये हो गई जिसका बोझ सरकार ने उठाया.

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रोजाना 2 लाख बोतल लिक्विड यूरिया का उत्पादन

इस अवसर पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया, इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और मैनेजिंग डायरेक्टर उदय शंकर अवस्थी भी उपस्थित थे. इफको ने कहा कि यह अपनी तरह का पहला प्लांट है जो पारंपरिक डीएपी (DAP) की एक बोरी के बराबर क्षमता वाली 500 मिलीलीटर की नैनो डीएपी (लिक्विड) बोतलों का उत्पादन करेगा. इस प्लांट की दैनिक उत्पादन क्षमता 2 लाख बोतलों की होगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी, 2021 में नैनो यूरिया (Nano Urea) के उत्पादन को मंजूरी दी थी. इफको ने अगस्त, 2021 में नैनो यूरिया का उत्पादन शुरू किया था और मार्च, 2023 तक लगभग 6.3 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जा चुका था.