Aeroponic Potato Farming: किसान एग्री सेक्टर में नई तकनीक का इस्तेमाल कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं. हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम नई-नई तकनीकों की जानकारी दी जा रही है, जिससे किसान इन तकनीकों को अपनाकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं. करनाल के आलू प्रौद्योगिकी केंद्र के विज्ञानियों ने किसानों को एरोपोनिक तकनीक (Aeroponic Technique) से आलू की खेती के लिए प्रेरित किया है.  इस तकनीक में बिना मिट्टी और जमीन हवा में खेती की जाती है.

एरोपोनिक (Aeroponic) तकनीक से आलू की खेती

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एरोपोनिक ऐसी तकनीक है जिसमें पौधों को हवा में उगाया जाता है. एरोपोनिक तकनीक में नर्सरी में आलू के पौधे तैयार किए जाते हैं. रोपाई विशेष एरोपोनिक यूनिट में की जाती है. ये जमीन की सतह से ऊपर बनाई जाती है, जिसमें पानी और न्यूट्रिशन तत्वों की मदद से आलू उत्पादन लिया जाता है. पौधों की जड़ों का उपचार करते हैं, जिससे फंगस का खतरा न रहे.

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10 गुना अधिक आलू की पैदावार

आलू प्रौद्योगिकी केंद्र के अनुसार, Aeroponics तकनीक से आलू उगाने पर 10 गुना अधिक पैदावार मिलती है. साथ ही बहुत तेजी से आलू का पौधा बढ़ता हैं और इस तरह की खेती में पानी खपत भी कम होती है,जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. एयरोपोनिक्स (Aeroponics Farming) से आलू की पहली फसल उगने पर 70 से 80 दिन लगते हैं. इसके बाद यह खाने के लायक हो जाता है. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें जगह की ज्यादा जरूरत नहीं होती है.

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एरोपोनिक तकनीक में आलू की खेती में मिट्टी के कारण होने वाले रोगों के लगने की संभावना कम रहती है, जिससे किसानों को नुकसान कम और मुनाफा ज्यादा होता है.

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