100 days of Modi 3.0: सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में कृषि उत्पादकता और निर्यात में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई किसान-हितैषी नीतियां लागू की हैं. शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने अपने पहले 100 दिन में 14 क्षेत्रों में 15 लाख करोड़ रुपये की नीतियां लागू की हैं.

पीएम-किसान के तहत 17वीं किस्त वितरित की

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मंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) योजना के तहत 9.5 करोड़ किसानों को 20,000 करोड़ रुपये वितरित करने सहित कृषि क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों को रेखांकित किया. शाह ने कहा, हमने पीएम-किसान के तहत 17वीं किस्त वितरित की है. अब तक 12.33 करोड़ किसानों को 3 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं.  पीएम-किसान योजना के तहत 6,000 रुपये का वार्षिक लाभ दिया जाता है जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के जरिये पात्र किसानों के बैंक खातों में सीधे हर डाला जाता है.

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मंत्री ने कहा कि कृषि नीतियों को कृषक समुदाय के कल्याण और समृद्धि को ध्यान में रखते हुए लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा, इससे देश के खाद्यान्न उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा जिससे किसानों की स्थिति में सुधार होगा.

खरीफ (ग्रीष्म) फसलों के लिए MSP में बढ़ोतरी

किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए शाह ने कहा, संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) शासन की तुलना में (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी नीत सरकार ने एमएसपी (MSP) पर अधिक फसलें खरीदी हैं. इससे पता चलता है कि राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार किसानों को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि 2024-25 खरीफ (ग्रीष्म) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की गई है.

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मक्का से एथेनॉल बनाने पर जोर

मंत्री ने कहा कि एथेनॉल उत्पादन (Ethanol Production) को बढ़ावा देने के लिए चीनी मिलों को ‘मल्टी-फीड डिस्टिलरी’ में परिवर्तित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, अब मिलें न केवल गन्ने के रस से बल्कि मक्के से भी एथsनॉल बना सकती हैं. देश में जब चीनी बनाने के लिए गन्ने के रस की जरूरत होगी, तब मक्के से एथsनॉल बनाया जाएगा. जब चीनी का उत्पादन अधिक होगा, तब चीनी के रस से Sथेनॉल बनाया जाएगा.

प्याज-बासमती चावल पर MEP खत्म

मंत्री ने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्याज (Onion) और बासमती चावल  (Basmati Rice) पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को समाप्त कर दिया गया है. शाह ने कहा कि ये नीतियां किसान कल्याण को बढ़ाने और भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं.