मोदी सरकार इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए लगातार नए-नए कदम उठा रही है. अभी हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो इंडस्ट्री, कॉरपोरेट सेक्टर को बड़ी राहत दी थी. सरकार अब स्टील सेक्टर के लिए बड़े ऐलान करने जा रही है. स्क्रैपेज पॉलिसी के लागू होने के बाद स्टील इंपोर्ट घटाने और खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस समय भारत हर साल करीब 60 लाख टन स्टील स्क्रैप का निर्यात करता है और देश में करीब सालाना 83 लाख टन स्क्रैप मांग है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, सरकार सड़कों से पुराने वाहनों को हटा रही है, जिसके चलते देश में कबाड़ गाड़ियों का भंडार बढ़ता ही जा रहा है. केंद्र सरकार 20 साल से ज्‍यादा पुराने कमर्शि‍यल गाड़ियां के लि‍ए नई स्क्रैपेज पॉलि‍सी को अगले 1 महीने के अंदर लागू करने जा रही है. स्क्रैपेज पॉलिसी को कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

स्टील सचिव बिनॉय कुमार के मुताबिक, एक बार स्क्रैपेज पॉलि‍सी लागू होने के बाद सरकार को अति‍रि‍क्‍त 100 अरब रुपए मि‍लेंगे. और नई गाड़ियों के निर्माण में भी इजाफा होगा. पॉलिसी लागू होने से 1 अप्रैल, 2020 से 20 साल पुराने कमर्शि‍यल गाड़ियों को कबाड़ में डालने का रास्‍ता खुल जाएगा.

 

देखें ज़ी बिजनेस लाइव टीवी

स्क्रैप पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसे जीएसटी काउंसिल के सामने रखा जाएगा. जीएसटी काउंसिल स्क्रैपेज पॉलिसी के आधार पर नए वाहनों की खरीद पर छूट का प्रावधान रख सकती है. क्योंकि जो वाहन स्क्रैप में जाएगा, उसके बदले नए वाहन की खरीदारी पर जीएसटी में बड़ी छूट मिलने का अनुमान है.

स्टील सचिव बिनॉय कुमार के मुताबिक, सरकार ने जो हाल ही में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की है, उसका स्टील इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा.