एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान जताया है. उसने अगले वित्तीय वर्ष में निवेश के गति पकड़ने और जीएसटी संग्रह बढ़ने से अर्थव्यवस्था के 7.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि की उम्मीद जाहिर की है. एडीबी ने कहा है कि 2019 में वह भारत के लिए अपने वित्त पोषण के दायरे को बढ़ाकर साढ़े चार अरब डॉलर (31,500 करोड़ रुपये) तक कर सकता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एडीबी इंडिया के निदेशक केनिची योकोयामा ने यहां संवाददाताओं से कहा, “भारत के लिए कर्ज के दायरे को बढ़ाकर लगभग 4.5 अरब डॉलर किया जा सकता है.” उन्होंने कहा कि साढ़े तीन अरब डॉलर की राशि सरकारी खर्च के लिये और एक अरब डालर की राशि निजी क्षेत्र के लिए होगी. योकोयामा ने कहा कि परियोजनाओं की प्रगति कर्ज का आधार होगा.

एडीबी के वरिष्ठ आर्थिक अधिकारी अभिजीत सेन गुप्ता ने कहा कि 2019-20 में आर्थिक वृद्धि और अधिक गति पकड़ेगी. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए एडीबी का वृद्धि अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के 7.2 प्रतिशत के आकलन से थोड़ा अधिक है. हालांकि, यह भारतीय रिजर्व बैंक के 7.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है. वर्तमान वित्त वर्ष की पहली छमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही है.

एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (एडीओ) के हालिया संस्करण में एडीबी ने 2019-20 के लिए वृद्धि दर के 7.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद जतायी है. इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने भी भारत की विकास दर सात प्रतिशत से अधिक बने रहने की उम्मीद जताई थी. वर्ल्ड बैंक का मनाना है कि भारत की विकास यात्रा जारी रहेगी और 2030 तक दुनिया की एक मजबूत ताकत बन जाएगा.