2000 रुपए के नोट को लेकर अलग-अलग खबरें आ रही हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने साफ किया है कि 2000 रुपए के नोट बंद नहीं होंगे. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट कर 2000 रुपए के नोटों की छपाई कम करने का कारण भी बताया. उनके मुताबिक 2000 रुपए के नोट की छपाई योजनाबद्ध तरीके से चल रही है. चूंकि सिस्‍टम में 2000 रुपए के करंसी नोट की संख्‍या पर्याप्‍त है, इसलिए इनकी छपाई फिलहाल कम की गई है. इस बारे में वित्‍त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) पहले ही फैसला ले चुके थे.

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1- सिस्‍टम में हैं पर्याप्‍त नोट

वित्‍त मंत्रालय के एक अधिकारी की मानें तो RBI और केंद्र सरकार करंसी की छपाई की संख्‍या पर फैसला करते हैं. इसका फैसला चलन में मुद्रा की मौजूदगी के हिसाब से किया जाता है. गर्ग के मुताबिक इस समय सिस्‍टम में 2000 रुपए के नोटों की संख्‍या 35% से ज्‍यादा है. जिस समय 2,000 का नोट जारी किया गया था तभी यह फैसला हुआ था कि धीरे-धीरे इसकी छपाई को कम किया जाएगा. 2,000 के नोट को जारी करने का एकमात्र मकसद प्रणाली में त्वरित नकदी उपलब्ध कराना था.

2- 3285 मिलियन नोट हैं सिस्‍टम में

रिजर्व बैंक के आंकड़ों की मानें तो मार्च 2017 में 2000 रुपए के नोटों की संख्‍या 3285 मिलियन पहुंच गई थी. इसके 1 साल बाद इसमें मामूली बढ़ोतरी हुई. यह संख्‍या 3363 मिलियन हो गई है. यानि फाइनेंशियल सिस्‍टम में इस समय इतने नोट सर्कुलेशन में हैं. इसलिए सरकार ने नोटों की छपाई घटा दी है.

नोट छापने की लागत

2000 रुपए का 1 नोट छापने में 3.54 रुपए खर्च होते हैं. RBI ने नोटबंदी के बाद इसे छापना शुरू किया था. इसे 4 मिंट पर छापा जाता है. 

कब आया 2000 रुपए का नोट

नवंबर, 2016 में नोटबंदी के बाद मोदी सरकार ने 2,000 रुपये का नया नोट जारी किया था. सरकार ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटा दिया. इसके बाद रिजर्व बैंक ने 500 के नए नोट के साथ 2,000 रुपये का भी नोट जारी किया.