Vedanta के शेयरों में बिकवाली, बड़ी ब्लॉक डील के बाद लुढ़का Stock; जानें डीटेल
Vedanta Block Deal: रिपोर्ट्स की मानें तो 7,000 करोड़ रुपये में 4.6% हिस्सा बेचा गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि स्ट्रैटेजिक ग्रोथ प्लान को सपोर्ट करने के लिए हिस्सा बिक्री की गई है.
Vedanta Block Deal: वेदांता के निवेशकों के लिए बुधवार को बड़ी खबर निकलकर आ रही है. आज वेदांता लिमिटेड में ब्लॉक डील हुई है, जिसके बाद शेयरों में गिरावट देखी जा रही है. ऐसी जानकारी है कि प्रमोटर एंटिटी Vedanta Resources की ओर से कंपनी में हिस्सा बिक्री की गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि कंपनी ने कर्ज कम करने के लिए हिस्सा बेचा है. इस ब्लॉक डील के बाद शेयर साढ़े 3 पर्सेंट से ज्यादा गिर गया था. दोपहर 1 बजे के आसपास 2.79% की गिरावट दर्ज हो रही और स्टॉक 441 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा था.
Vedanta Resources का 6 सब्सिडियरी के जरिए की कंपनी में 61.95 पर्सेंट हिस्सेदारी है. पहले ऐसी खबरें आई थीं कि इस हफ्ते प्रमोटर ब्लॉक डील के ज़रिये 2.5% हिस्सा बेच सकता है. इसके तहत 9 करोड़ शेयर 4,000 करोड़ रुपये में बेचने की बात थी. रिपोर्ट्स की मानें तो 7,000 करोड़ रुपये में 4.6% हिस्सा बेचा गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि स्ट्रैटेजिक ग्रोथ प्लान को सपोर्ट करने के लिए हिस्सा बिक्री की गई है.
Vedanta Resources के कर्ज की बात करें तो कंपनी पर FY22 में 80,950 करोड़ का कर्ज था, जिसके बाद FY24 में 50,000 करोड़ का कर्ज होगा. वहीं, अगले 3 साल में कर्ज घटाकर 25000 करोड़ करने का लक्ष्य है.
रीस्ट्रक्चिरंग की तैयारी
अगर कंपनी की रीस्ट्रक्चरिंग होती है तो निवेशकों को वेदांता के एक शेयर पर 5 कंपनियों के 1:1 शेयर मिलेंगे. रीस्ट्रक्चरिंग के बाद कुल 6 अलग लिस्टेड कंपनियां होंगी.
1-वेदांता एल्युमीनियम
2-वेदांता आयल & गैस
3-वेदांता पावर
4-वेदांता स्टील & फेरस मैटेरियल्स
5-वेदांता बेस मेटल्स
6-वेदांता लिमिटेड
Vedanta Group का मार्कैट कैप इस साल कितना बढ़ा?
वेदांता समूह का मार्केट कैप यानी बाजार मूल्यांकन चालू वित्त वर्ष में अबतक 2.2 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है. वेदांता लिमिटेड और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड से मिलकर बने वेदांता समूह के निवेशकों की संपत्ति चालू वित्त वर्ष में अबतक खूब बढ़ी है. इस दौरान दोनों कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 2.2 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया है. इस साल 28 मार्च से 20 जून के बीच वेदांता समूह के कुल बाजार पूंजीकरण में 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई.