Titagarh Rail Systems Q1 Results: इंडियन रेलवे के लिए कोच बनाने वाली देश की पहली प्राइवेट कंपनी टीटागढ़ रेल सिस्टम लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए रिजल्ट का ऐलान किया है. कंसोलिडेटेड आधार पर अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 61.77 करोड़ रुपए रहा. रेवेन्यू फ्रॉम ऑपरेशन 910.75 करोड़ रुपए रहा. इसमें फ्रेट रेल सिस्टम का रेवेन्यू 746.07 करोड़ रुपए रहा, जबकि पैसेंजर रेल सिस्टम का रेवेन्यू 164.67 करोड़ रुपए रहा. यह स्मॉलकैप कंपनी रेलवे के अलावा डिफेंस के लिए काम करती है. इसका प्रजेंस ग्लोबल है. कंपनी का इटली में भी फैक्ट्री है.

Titagarh Rail Systems Revenue

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

BSE की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, जून 2022 तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 431.85 करोड़ रुपए था. सालाना आधार पर इस तिमाही में रेवेन्यू में करीब 111 फीसदी का उछाल आया है. मार्च तिमाही में यह 974.21 करोड़ रुपए था. तिमाही आधार पर रेवेन्यू 4 फीसदी घटा है.

Titagarh Rail Systems Profit

Q1 में कंपनी का प्रॉफिट 61.77 करोड़ रुपए रहा. जून 2022 तिमाही में कंपनी को ऑपरेशनल डिसकंट्यीनूएशन के कारण 22.17 करोड़ का घाट हुआ था. इसे हटाकर नेट प्रॉफिट 22.11 करोड़ रुपए का था. मार्च तिमाही में कंपनी को 48.23 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था. तिमाही आधार पर Q1 में नेट प्रॉफिट करीब 30 फीसदी बढ़ा.  Q1 में कंपनी की टोटल इनकम 911 करोड़ रुपए रही. ग्रॉस प्रॉफिट 199 करोड़ रुपए रहा. प्रॉफिट मार्जिन 22 फीसदी का रहा. EBITDA मार्जिन 11.6 फीसदी का रहा. प्रॉफिट मार्जिन 6.9 फीसदी का रहा. सालाना आधार पर कंपनी ने हेल्दी ग्रोथ दिखाया है. हालांकि, मार्च तिमाही के मुकाबले रेवेन्यू और टोटल इनकम में गिरावट आई है.

मल्टीबैगर है यह स्टॉक

यह एक मल्टीबैगर स्मॉलकैप कंपनी (Titagarh Rail Systems) है जो रेलवे, डिफेंस के लिए काम करती है. बीते हफ्ते यह शेयर 615 रुपए पर बंद हुआ. एक हफ्ते में इस स्टॉक में 14.63 फीसदी, एक महीने में 31 फीसदी, तीन महीने में 85 फीसदी, इस साल अब तक 175 फीसदी, एक साल में 370 फीसदी और तीन साल में 1361 फीसदी का उछाल आया है.

2007 में पहला पैसेंजर बोगी बनाया

Titagarh Rail Systems कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, यह देश की पहली प्राइवेट कंपनी है जिसने 2007 में रेलवे के लिए पैसेंजर कोच बनाने का काम शुरू किया. 1997 में पहली बार कंपनी ने मालगाड़ी के लिए बोगी बनाया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक फाइनेंशियल ईयर में करीब 8400 बोगी बनाती है. FY2024 में यह क्षमता बढ़ाकर 12000 तक ले जाने की है. यह देश की सबसे बड़ी वैगन मैन्युफैक्चरर है जिसका मार्केट शेयर 30-35 फीसदी के करीब है.

2019 में पहला मेट्रो ऑर्डर भी मिला

2019 में कंपनी को पहला मेट्रो ऑर्डर का भी ठेका मिला था. यह कंपनी देश के लिए पहली बार एल्युमीनियम से मेट्रो कोच बनाएगी. जून के महीने में कंपनी को गुजरात मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन यानी GMRC से सूरत मेट्रो रेल फेज-1 के लिए 72 बोगी बनाने के लिए LOA मिला है. माना जा रहा है कि यह ऑर्डर करीब 857 करोड़ रुपए का है.

रेलवे और डिफेंस दोनों के लिए काम

कंपनी रेलवे के लिए मालगाड़ी और पैसेंजर, दोनों तरह का कोच बनाती है. इसके अलावा यह मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के लिए Bailey-type पोर्टेबल ब्रिज भी बनाती है. कंपनी ने अपने साम्राज्य का विस्तार शिप बिल्डिंग में भी किया है. इसके लिए कंपनी ने 25 साल पुरानी कंपनी Corporated Shipyard के साथ मर्जर किया है. कंपनी पैसेंजर शिपस, नेवल  वेसल्स, टग, वाटर ट्रांसपोर्ट वेसल्स का निर्माण करेगी.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें