Tesla में खत्म हुआ Elon Musk का जादू! क्या ले डूबी Twitter डील? मार्केट गुरु अनिल सिंघवी से समझें ये क्या हो रहा है...
Tesla Share Price: Elon Musk की Tesla अपना सबसे बुरा हफ्ता, सबसे बुरी तिमाही और सबसे बुरा साल देख रही है. कंपनी का स्टॉक एक साल के चार्ट पर 70 पर्सेंट तक नीचे आ गया है. ऐसा लग रहा है कि कंपनी को Twitter के साथ डील सुहा नहीं रही है.
Tesla Share Price: दुनिया के सबसे अमीर शख्स Elon Musk की टॉप की ऑटोमोबाइल कंपनी Tesla अपना सबसे बुरा हफ्ता, सबसे बुरी तिमाही और सबसे बुरा साल देख रही है. कंपनी के शेयर मंगलवार को 11 पर्सेंट टूट गए. वहीं, अगर एक साल के चार्ट पर देखें तो शेयर 70 पर्सेंट तक नीचे आ गया है. ऐसा लग रहा है कि मस्क की इलेक्ट्रिक व्हीकल स्पेस में टॉप की कंपनी को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter के साथ डील सुहा नहीं रही है.
अनरिलेटेड डायवर्सिफिकेशन होता है भारी
Editor's Take में Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने कंपनी के परफॉर्मेंस के एनालिसिस पर कुछ अहम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि आमतौर पर बहुत पैसा आ जाने के बाद आंत्रप्रेन्योर्स और बिजनेसमेन एक गलती करते हैं. वो कोर स्ट्रेंथ वाले बिजनेस में महारत हासिल करने के बाद एक अच्छा बिजनेस खड़ा करते हैं और फिर वो अकसर एक गलत कदम उठा बैठते हैं. वो है अनरिलेटेड डाइवर्सिफिकेशन. यानी ऐसे कारोबार में घुसना, जिसका उनके कोर बिजनेस से कोई लेना-देना नहीं होता, न ही वो इस नए स्पेस को अच्छे से समझते हैं. यही स्थिति एलन मस्क के साथ है. टेस्ला और स्पेस एविएशन का बिजनेस तो ठीक है लेकिन ट्विटर का अधिग्रहण उनके कोर बिजनेस से बिल्कुल अलग रहा है.
Tesla के फंडामेंटल्स हुए हैं कमजोर
यह भी बात है कि जब आपको 45 बिलियन डॉलर में ट्विटर खरीदना है तो साफ बात है कि आप टेस्ला के शेयर बेचकर ही फंडिंग करेंगे. इसका सीधा मतलब है कि आप अपने कोर बिजनेस की वैल्यू कम कर रहे हैं. टेस्ला की इन्हेरेंट वैल्यू भी गिरी है. यूएस, यूरोप में टेस्ला की डिमांड घटी है, जिसका असर कंपनी पर पड़ा है.
Elon Musk ने ट्विटर पर कॉम्पिटीटर्स से कहा-हमारे प्लेटफॉर्म से निकल लो, फेसबुक, इंस्टा, मास्टोडॉन के सभी लिंक पर लगाया बैनकुल मिलाकर, टेस्ला के पक्ष में तीन चीजें होतीं तो आज कंपनी की हालत ऐसी नहीं होती. पहली बात- अनरिलेटेड डायवर्सिफिकेशन होने के बजाय टेस्ला में ही अगर उस रकम का इस्तेमाल हुआ होता तो रिसेशन में कंपनी मजबूत बनी रहती. दूसरा, मस्क ने टेस्ला के फंडामेंटल्स पर ध्यान दिया होता तो आज कंपनी की हालत इतनी पतली नहीं होती. और तीसरा- अगर प्रमोटर्स विनम्र न रहें, डाउन टू अर्थ न रहें तो इन्वेस्टर्स और मैनेजमेंट की इतनी बेरुखी भी नहीं देखने को मिलेगी.
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