Tata Power Investment in Rajasthan: टाटा पावर ने राजस्थान सरकार के साथ राज्य के बिजली क्षेत्र में 1.2 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए शुरूआती समझौता किया है. इसमें 75,000 करोड़ रुपये का हरित ऊर्जा में निवेश शामिल है. इस 10-वर्षीय योजना का उद्देश्य राजस्थान को एक विद्युत अधिशेष राज्य में बदलने में मदद करना और चौबीस घंटे स्वच्छ, सस्ती तथा भरोसेमंद बिजली आपूर्ति प्रदान करना है. 

क्या है कंपनी का प्लान?

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कंपनी ने सोमवार को बयान में कहा कि निवेश नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं तथा विनिर्माण, पारेषण, वितरण, परमाणु ऊर्जा, छत पर (रूफटॉप सोलर) सौर संयंत्र लगाना और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग में किया जाएगा. नयी दिल्ली में सोमवार को आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान’ निवेशक सम्मेलन के दौरान समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. 

कहां होगा कितना निवेश?

ग्रिड अवसंरचना के आधुनिकीकरण, ऊर्जा हानि को कम करने तथा राज्य भर में बिजली की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए राज्य पारेषण तथा वितरण क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये की राशि का निवेश किया जाएगा. इसके अलावा, परमाणु ऊर्जा संयंत्र विकसित करने के अवसरों की तलाश के साथ पारेषण प्रणाली के लिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. करीब 75,000 करोड़ रुपये नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए होंगे. 

28,000 लोगों को मिलेगा रोजगार

राजस्थान में एक लाख ईवी चार्जिंग ‘पॉइंट’ स्थापित करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का निवेश निर्धारित किया गया है. 10 लाख मकानों के लिए छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र से पीएम सूर्य घर योजना को सहायता मिलेगी. इस समझौता ज्ञापन से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा और राज्य में 28,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होंगी.