टाटा पावर ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपनी कई रणनीतिक परियोजनाओं में 4.25 अरब डॉलर के वित्तपोषण का मूल्यांकन करने के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के साथ एक शुरुआती समझौते पर साइन किए हैं. टाटा पावर ने बयान में कहा कि अजरबैजान के बाकू में एडीबी के साथ एक MOU पर साइन किए गए हैं. कंपनी ने कहा, ‘भारत के बिजली बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उसने अपनी कई रणनीतिक परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण का मूल्यांकन करने के लिए समझौता ज्ञापन पर साइन किए हैं.’ 

परियोजना की लागत 4.25 अरब डॉलर

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टाटा पावर ने कहा कि कुल अनुमानित परियोजना लागत लगभग 4.25 अरब डॉलर है. यह एमओयू कई प्रमुख चल रही परियोजनाओं जैसे कि 966-मेगावाट सौर पवन हाइब्रिड परियोजना और पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजना और ऊर्जा बदलाव से संबंधित अन्य परियोजनाएं. टाटा पावर के सीईओ और एमडी प्रवीर सिन्हा ने कहा,‘एशियाई विकास बैंक (ADB) के साथ काम करना हमारे लिए बहुत जरूरी है क्योंकि हम बिजली क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट लाने के लिए पैसे जुटाने के नए तरीके ढूंढ रहे हैं.'

क्लीन और रिएन्यूएबल एनर्जी की बढ़ेगी क्षमता

प्रवीर सिन्हा ने आगे कहा, 'यह MOU भारत की क्लीन और रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को बढ़ावा देने में मदद करेगा. इसके साथ ही, यह हमारे बिजली के ढांचे को आधुनिक बनाएगा और सभी के लिए विकास सुनिश्चित करेगा’ एशियाई विकास बैंक (ADB) के डायरेक्टर जनरल ऑफ प्राइवेट सेक्टर ऑपरेशन सुजैन गबौरी ने कहा कि  ADB एशिया और प्रशांत क्षेत्र में ऐसे  प्रोजेक्ट को  सपोर्ट  करता है जो  ऊर्जा  और  विकास  में  मदद  करें.  

15,010 मेगावाट का पोर्टफोलियो

टाटा पावर के पास 15,010 मेगावाट का विविध पोर्टफोलियो है. यह अलग-अलग तरीकों से बिजली बनाती है, जैसे - सौर ऊर्जा,  पवन ऊर्जा,  कोयले से,  पानी से.  साथ ही,  यह बिजली  पहुंचाने,  उसका  लेन-देन  करने,  बिजली  स्टोर  करने  और  सोलर  पैनल  बनाने  का  भी  काम  करती  है. गुरुवार को कारोबारी सत्र के दौरान टाटा पावर का शेयर 0.09% या 0.35 अंक चढ़कर 408.45 रुपए पर बंद हुआ है. NSE पर 0.02 % या 0.10 अंक टूटकर 408 रुपए पर बंद हुआ.