टाटा ने बचा लिया अपना 'ताज', नीलामी में ITC से मिली कड़ी टक्कर
टाटा समूह ने दिल्ली के लुटियन क्षेत्र स्थित होटल ताज मानसिंह के संचालन के लिए एनडीएमसी के साथ औपचारिक समझौता कर लिया है.
टाटा समूह ने आखिरकार दिल्ली के लुटियन क्षेत्र स्थित होटल ताज मानसिंह के संचालन के लिए नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के साथ औपचारिक समझौता कर लिया है. काफी विलंब के बाद पिछले साल सितंबर में होटल के लिये सार्वजनिक तौर पर नीलामी का आयोजन किया गया था. एनडीएमसी के साथ लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पिछले साल हुई ई-नीलामी में इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड को फिर से 33 साल के लिए ताज मानसिंह होटल का पट्टा मिला. ई-नीलामी में टाटा समूह की कंपनी को आईटीसी होटल्स से कड़ी टक्कर मिली.
एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'संशोधित समझौते पर बृहस्पतिवार को हस्ताक्षर किये गये. 11 अप्रैल से एनडीएमसी को 17.25 प्रतिशत की बजाय 32.5 प्रतिशत अधिक राजस्व मिलेगा.' अधिकारी ने कहा, 'यह हम लोगों के लिए उपलब्धि है कि हमने सार्वजनिक नीलामी की योजना बनायी, कानूनी मुकदमे को सुलटाया, संपत्ति की नीलामी की और अब आखिर में उसे जमीन पर उतार रहे हैं.'
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टाटा समूह ने हर महीने 7.03 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस पर इस होटल संपत्ति को अपने पास बनाये रखने में सफलता पाई. इससे पहले वह हर महीने 3.94 करोड़ रुपये का लाइसेंस शुल्क भुगतान कर रही थी. इससे पहले 1978 में ताज मानसिंह को 33 साल के पट्टे पर टाटा समूह को दिया गया था. यह समयसीमा 2011 में समाप्त हो गई थी. तब से लेकर कंपनी को नौ बार समयसीमा का विस्तार दिया गया. कानूनी विवाद में उलझने के कारण एनडीएमसी संपत्ति की नीलामी नहीं कर पाई थी.