Tata Electronics, Pegatron Acquisition: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CII) ने मंगलवार को टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया का बड़ा हिस्सा खरीदने की मंजूरी दे दी. पेगाट्रॉन भारत में एप्पल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर सामान बनाती है. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है. TEPL कंपनी बड़े ग्राहकों के लिए बहुत बारीकी से बनाए जाने वाले पुर्जे बनाने में माहिर है. 

दो बार में पेगाट्रॉन इंडिया का बड़ा हिस्सा खरीदेगी TEPL 

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सीसीआई ने अपने बयान में कहा कि इस सौदे के तहत, टीईपीएल दो बार में पेगाट्रॉन इंडिया का बड़ा हिस्सा खरीदेगी. TEPL, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स सॉल्यूशंस (जिसे पहले विस्ट्रॉन इन्फोकॉम मैन्युफैक्चरिंग (इंडिया) के नाम से जाना जाता था) के जरिए स्मार्टफोन के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग सेवाओं (ईएमएस) बनाने की सेवा भी देती है. सीसीआई ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को टीईपीएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी टीईएल कंपोनेंट्स के कारोबार उपक्रम को पेगाट्रॉन इंडिया को सौंपने की मंजूरी दे दी है.

अमेरिका, एशिया और यूरोपीय देशों में निर्यात करती है पेगाट्रॉन

नियामक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट में कहा, "आयोग ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (टीईपीएल) को पेगाट्रॉन इंडिया के कुछ शेयर खरीदने और टीईएल कंपोनेंट्स का बिजनेस पेगाट्रॉन इंडिया को सौंपने की मंजूरी दे दी है." पेगाट्रॉन इंडिया, पेगाट्रॉन कॉरपोरेशन की एक सब्सिडियरी कंपनी है. पेगाट्रॉन इंडिया, एप्पल इंक जैसे स्मार्टफोन के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेवाओं के प्रावधान में लगी हुई है और अपने उत्पादों को उत्तरी अमेरिका, एशिया और यूरोपीय देशों में निर्यात करती है. 

गौरतलब है कि अप्रैल में, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में पेगाट्रॉन के कारखाने का ज़्यादातर हिस्सा खरीदने के लिए बातचीत कर रही थी. इससे पहले, नवंबर 2023 में, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने बेंगलुरु में ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन की आईफोन बनाने वाली फैक्ट्री को 12.5 करोड़ डॉलर में खरीदा था.