टेलीकॉम कंपनियों को SC से मिली बड़ी राहत, स्टॉक्स में दिखेगा एक्शन
Supreme Court TELECOM INTEREST RELIF big relief to telecom stocks
Telecom Company: सुप्रीम कोर्ट से टेलीकॉम कंपनियों के लाइसेंस फीस के हिस्से को रेवेन्यू एक्सपेंडीचर दिखाकर टैक्स छूट क्लेम के मामले में राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कंपनियों को राहत देते हुए कहा है कि कंपनियों ने रेवेन्यू एक्सपेंडीचर दिखाकर जो कम टैक्स भरा है, उस रकम पर ब्याज नहीं देना होगा. इस आदेश का क्या मतलब है समझते हैं AKM ग्लोबल के टैक्स पार्टनर, संदीप सहगल से.
AKM ग्लोबल के टैक्स पार्टनर, संदीप सहगल का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों के लिए SC से राहत की खबर है. रेवेन्यू के विरुद्ध कैपिटल एक्सपेंडीचर केस में ब्याज से राहत मिली है. राहत न मिलती तो 24-25 साल का ब्याज भरना पड़ता. 1999 से कम भरे गए टैक्स की रकम पर ब्याज लगता है. रेवेन्यू Vs कैपिटल एक्सपेंडीचर का SC ऑर्डर 2023 का है. CIT दिल्ली बनाम भारती हेक्सॉकॉम के मामले में फैसला है. दिल्ली HC का फैसला इस मामले में 10 साल पहले आया था. दिल्ली HC ने लाइसेंस फीस को रेवेन्यू और कैपेक्स दोनों माना. एकमुश्त लाइसेंस फीस को कैपेक्स, सालाना फीस को रेवेन्यू माना.
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SC ने अक्टूबर 2023 के ऑर्डर में क्या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि टेलीकॉम लाइसेंस फीस कैपिटल एक्सपेंडीचर. SC ने कहा था कि लाइसेंस फीस को दो तरह से नहीं बांट सकते हैं. SC ने माना था लाइसेंस फीस, राइट टू ऑपरेट टेलीकॉम सर्विस है. पेमेंट अलग अलग इसलिए फीस को दो हिस्सों में बांटना ठीक नहीं है. रेवेन्यू एक्सपेंडीचर के तौर पर दिखाए खर्च पर टैक्स छूट नहीं दी. कंपनी का कहना था कि बिजनेस चलाने का खर्च है इसलिए रेवेन्यू एक्सपेंडीचर है.