SpiceJet Airlines: संकटग्रस्त एयरलाइन स्पाइसजेट ने मंगलवार को कहा कि उसने एयरकैसल (आयरलैंड) डेजिग्नेटेड एक्टिविटी कंपनी और विलमिंगटन ट्रस्ट एसपी सर्विसेज (डबलिन) लिमिटेड के साथ 23.39 मिलियन डॉलर के विवाद को कुल 5 मिलियन डॉलर में सुलझा लिया है. कुछ एयरक्राफ्ट इंजन के ट्रीटमेंट से जुड़े समझौते के साथ ही नया समझौता हुआ है. विमानन फर्म ने एक बयान में कहा कि समझौते के तहत, "पक्षों के बीच चल रहे सभी मुकदमे और विवाद वापस ले लिए जाएंगे."

पिछले हफ्ते भी सुलझाया था ये मामला

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पिछले सप्ताह, कम लागत वाली एयरलाइन ने अपने पट्टेदारों, होराइजन एविएशन 1 लिमिटेड, होराइजन II एविएशन 3 लिमिटेड और होराइजन III एविएशन 2 लिमिटेड के साथ विवादों को सुलझा लिया है. एयरलाइन ने 131.85 मिलियन डॉलर के विवाद को 22.5 मिलियन डॉलर में सुलझा लिया था.

पिछले महीने एयरलाइन ने इंजन लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन (ELFC) के साथ विवाद का निपटारा किया था, जिसने शुरू में 16.7 मिलियन डॉलर का दावा किया था, लेकिन राशि का खुलासा नहीं किया गया था.

शेयर में आई तेज हलचल

स्पाइसजेट के लिए आई इस राहत भरी खबर के बाद कंपनी के शेयरों में भी तेज हलचल देखने को मिली. दिन के कारोबार में कंपनी के शेयर में करीब 3 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. ये दिन के कारोबार में करीब 66.65 के लेवल पर ट्रेंड कर रहा था. इसका 52 वीक हाई 79.90 और 52 वीक लो 34.00 है. पिछले 1 साल में एयरलाइन कंपनी के स्टॉक ने निवेशकों को 67 फीसदी का रिटर्न दिया है. 

स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, "एयरकैसल और विलमिंगटन ट्रस्ट के साथ लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद को सफलतापूर्वक सुलझाकर हम खुश हैं. यह समझौता कंपनी और सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में मामलों को सही तरीके से सुलझाने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है."

इस कंपनी ने दाखिल किया दिवालियापन मामला

इस बीच, विमान पट्टादाता एविएटर एमएल 29641 लिमिटेड ने लगभग 58 करोड़ रुपये के बकाया किराये को लेकर राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में नया दिवालियापन मामला दायर किया है. रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला 16 जून, 2017 को साइन किए बोइंग 737 विमान के लिए लीज समझौते से जुड़ा है. एनसीएलटी ने स्पाइसजेट को अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है और अगली सुनवाई 11 नवंबर को तय की है.

यह ताजा मामला स्पाइसजेट के खिलाफ दिवालियापन याचिकाओं की सीरीज में शामिल हो गया है, जो विक्रेताओं और पट्टेदारों को बकाया राशि का भुगतान न किए जाने से संबंधित है. एयरलाइन की वित्तीय कठिनाइयों के कारण अदालत ने बकाया राशि का भुगतान न किए जाने के कारण पट्टे पर दिए गए इंजन और विमानों को उड़ान से रोकने का आदेश दिया है.