DHFL के खिलाफ हो सकती है बड़ी कार्रवाई? मिनीस्ट्री को मिली जांच रिपोर्ट
रीयल एस्टेट क्षेत्र को लोन मुहैया कराने वाली डीएचएफएल (DHFL) के खिलाफ SFIO जांच शुरू हो सकती है. आपको बता दें कि पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) घोटाले में HDIL का नाम सामने आने के बाद DHFL पर शिकंजा कसा है.
रीयल एस्टेट क्षेत्र को लोन मुहैया कराने वाली डीएचएफएल (DHFL) के खिलाफ SFIO जांच शुरू हो सकती है. आपको बता दें कि पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) घोटाले में HDIL का नाम सामने आने के बाद DHFL पर शिकंजा कसा है. HDIL परिवार की कंपनी DHFL के तार इकबाल मिर्ची से जुड़े होने की जानकारी सामने आ रही है.
उधर, 'जी बिजनेस' को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार MCA के मुंबई रीजनल डायरेक्टर ने मंत्रालय को DHFL के खिलाफ रिपोर्ट सौंप दी है. MCA के रिपोर्ट में कंपनी कानून के उल्लंघन के मामले मिले हैं. DHFL के इंटर्नल कंट्रोल में कई तरह की खामियां पाई गईं.
रिपोर्ट में KPMG फोरेंसिक ऑडिट का ब्योरा भी शामिल है. रीजनल डायरेक्टर ने केवल तथ्य सौंपा और कोई राय नहीं दी. रीजनल डायरेक्टर की रिपोर्ट पर आगे मंत्रालय फैसला करेगा. सूत्रों ने बताया कि KPMG ने पाया कि DHFL ने ग्रुप से जुड़े लोगों को लोन दिया. KPMG ने बांटे गए लोन की ट्रैकिंग की व्यवस्था नहीं दी.
रिपोर्ट के मुताबिक 28 कंपनियों के 1941 Cr रुपए के रीपेमेंट का कोई ब्योरा नहीं है. लोन बांटते समय कागज़ों की ठीक से जांच पड़ताल नहीं की गई. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले DHFL से जुड़े 14 ठिकानों पर ED ने रेड की थी और उसके बाद वहां से मिले डाक्यूमेंट्स और मिर्ची से जुड़े केस के मामले में अरेस्ट हुए एक ट्रस्ट के मुखिया हारून युसूफ और प्रॉपर्टी एजेंट रंजीत सिंह बिंद्रा से पूछताछ की और 18 लोगों के स्टेटमेंट लेने के बाद ED को इशारा मिला कि कुछ शेल कंपनियों और पैसे के लेनदेन के जरिए मिर्ची और DHFL के तार जुड़े हो सकते हैं और उसी एंगल की जांच ED कर रही है.
किन पहलुओं पर जांच कर रहा है ED?
1- क्या प्रॉपर्टी डील से जुड़ी रकम कैश में दी गई?
2- उसको इकबाल मिर्ची तक दुबई में पहुंचाने में किन हवाला चैनल का इस्तेमाल हुआ.
3- DHFL से डायरेक्टली जुड़ी या शेल कंपनी का मिर्ची के व्हाइट कॉलर बिजनेस से क्या संबंध था.
DHFL यानी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है. इसके प्रमुख कपिल वधावन हैं. कई अलग-अलग मामलों में अलग-अलग सरकारी एजेंसियों की जांच चल रही है. कंपनी का लगभग दिवाला निकल चुका है. इसके शेयर की कीमत पिछले डेढ़ साल में 650 रुपए से गिरकर 20 रुपये के आसपास पहुंच गई है. अगर ED की जांच में और तथ्य सामने आते हैं तो बड़ी कार्रवाई होने की संभावना है.
क्या है कंपनी का रिएक्शन?
ज़ी मीडिया ने इस मामले में DHFL से भी प्रतिक्रिया ली है. कंपनी का कहना है कि NBFC क्राइसिस ने DHFL के बिजनेस और ऑपरेशन पर असर डाला है. हम बैंक से जुड़े मामलों को सुलझाने की कोशिश में लगे हुए हैं. इस बीच कंट्रोवर्सी होना दुर्भाग्यपूर्ण है. गलत आरोप और बयान वाली मीडिया रिपोर्ट्स से DHFL प्रमोटर्स का परिवार आहत हुआ है. हम जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. खुद को निर्दोष साबित करने के लिए भी प्रयास करते रहेंगे. हमने पूरी तरह कानूनी काम किया है.