Axis Bank पर SEBI का बड़ा एक्शन, Max Life Insurance डील पर भेजा कारण बताओ नोटिस- जानें क्या है पूरा मामला
Axis Bank ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि कंपनी को 25 अक्टूबर को ईमेल के जरिए सेबी से नोटिस मिला है. Axis Bank, Axis Securities Limited और Axis Capital Limited को यह नोटिस भेजा गया है. बैंक ने कहा है कि वह नोटिस की समीक्षा कर रहा है.
प्राइवेट सेक्टर का दिग्गज बैंक Axis Bank मुश्किल में नजर आ रहा है. भारतीय पूंजी बाजार नियामक, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने Axis Bank और इसकी सहायक कंपनियों को Max Life Insurance में हिस्सेदारी खरीद के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
Axis Bank ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि कंपनी को 25 अक्टूबर को ईमेल के जरिए सेबी से नोटिस मिला है. Axis Bank, Axis Securities Limited और Axis Capital Limited को यह नोटिस भेजा गया है. बैंक ने कहा है कि वह नोटिस की समीक्षा कर रहा है और नियामक SEBI के सामने अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करेगा. बैंक का कहना है कि यह लेन-देन आवश्यक नियामक मंजूरी के साथ किया गया था. इसी बीच, Max Life Insurance की होल्डिंग कंपनी, Max Financial Services Limited ने भी बताया कि कंपनी के कुछ निदेशकों और प्रमुख प्रबंधकीय अधिकारियों (वर्तमान और पूर्व दोनों) को भी SEBI से नोटिस मिला है.
क्या है पूरा मामला?
डील के Fair Market Value के नियम का उल्लंघन का मामला था. 15-16 मार्च 2021 के बीच बैंक ने MFSL को 166/शेयर पर शेयर बेचे. 10-11 दिन बाद Axis ग्रुप की अन्य एंटीटीज़ ने 31-32 /शेयर पर शेयर खरीदे. IRDAI ने अक्टूबर 2022 मे Axis Bank पर जुर्माना भी लगाया. Axis Bank-Max Life Insurance deal तब से ही जांच के घेरे में है.
इस साल की शुरुआत में, Axis Bank के बोर्ड ने Max Life Insurance के शेयर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसके तहत Axis समूह की कुल हिस्सेदारी 19.02 प्रतिशत से बढ़कर 19.99 प्रतिशत हो गई. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने Axis Bank और इसकी सहायक कंपनियों को Max Life Insurance में 20 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रखने की मंजूरी दी थी.
यह हिस्सेदारी 2021 में Axis Bank और Max Life Insurance के बीच हुई डील का हिस्सा थी. पिछले साल, Axis Bank ने Max Financial Services के साथ एक संशोधित समझौता किया था, जिसके तहत कंपनी Max Life Insurance में 7 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी हासिल करेगी. यह समझौता IRDAI की ओर से अक्टूबर, 2022 में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार किया गया था.
अब, SEBI के नोटिस के बाद, सभी पक्ष इस मामले में अपने-अपने जवाब दाखिल करेंगे और इस विवाद को सुलझाने की कोशिश करेंगे. SEBI के इस कदम से संबंधित कंपनियों के बीच चल रही डील पर प्रभाव पड़ सकता है.