कतर में एक बड़ी चुनौती का सामना कर रही Tata Group की ये कंपनी, फंस गए करीब ₹750 करोड़, शेयर पर रखें नजर
Tata Group की इस कंपनी के एमडी और सीईओ ने कहा, बकाया मिलने और एक्सक्यूशन टाइमलाइन में देरी के कारण लगभग 750 करोड़ रुपये फंस गए हैं.
Voltas Share Price: टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी वोल्टास (Voltas Ltd) को कतर में एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) प्रदीप बख्शी ने कहा कि बकाया मिलने और एक्सक्यूशन टाइमलाइन में देरी के कारण लगभग 750 करोड़ रुपये फंस गए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ परियोजनाओं में ठेकेदारों की बैंक गारंटी को अनैतिक रूप से भुनाया गया. इससे दिसंबर तिमाही में Tata Group की कंपनी के इंटरनेशनल प्रोजेक्ट बिजनेस को नुकसान हुआ.
प्रोजेक्ट पूरा होने के बावजूद नहीं हो रहा भुगतान
बख्शी ने कहा, उस क्षेत्र में, विशेष रूप से कतर (Qatar) में, उम्मीद के विपरीत चीजें हो रही हैं. वहां दुर्भाग्य से, हमें समय पर हमारा बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है और अत्यधिक देरी हो रही है. हमने प्रोजेक्ट पूरी कर ली है और इसे सौंप दिया है, और इसके बावजूद भुगतान नहीं हो रहा है.
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वोल्टास (Voltas) ने पहले ही इस मुद्दे पर मदद के लिए भारत सरकार से संपर्क किया है और कतर में दूतावास से भी संपर्क किया है. वोल्टॉस कतर में MEP (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) ठेकेदार है. उसने वहां प्रोजेक्ट्स पूरी कर ली हैं और कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार उन्हें सौंप दिया है. इसके बावजूद कंपनी को भुगतान नहीं किया जा रहा है.
₹750 करोड़ का कुल बकाया
उन्होंने कहा, जब आप अपने साझेदारों के साथ व्यापार करते हैं तो कुछ बुनियादी नैतिकताएं होनी चाहिए. दुर्भाग्य से, हमें भुगतान नहीं किया जा रहा है. बख्शी ने कहा कि कुल बकाया ₹750 करोड़ रुपये के करीब है. बैंक गारंटी में 375 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश किया गया है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रोजेक्ट्स पिछली 6 से 7 तिमाहियों में पूरी हुई हैं और वोल्टास (Voltas) को इस वजह से भारी घाटा हो रहा है.
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दिसंबर तिमाही में ₹27.60 करोड़ का घाटा
दिसंबर तिमाही में, वोल्टास (Voltas) ने 27.60 करोड़ रुपये का नेट घाटा दर्ज किया, जो इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रोजेक्ट्स और सर्विस सेगमेंट के कारण था, जिसमें 120 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. FY23 में, वोल्टास को कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने और बैंक गारंटी भुनाने पर 106.43 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा.
बख्शी ने कहा, वोल्टास (Voltas) के पास यह कई ग्राहकों के पास है, जिनमें सिड्रा मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर, नॉर्थ गेट मॉल, कमर्शियल बुलेवार्ड डेवलपमेंट आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा, वोल्टास (Voltas) का प्रोजेक्ट बिजनेस में चार दशकों से अधिक का लंबा इतिहास है और पिछली कुछ तिमाहियों (लगभग 1.5 वर्ष) में यह पहली बार है कि उसे मुख्य रूप से कतर के कारण इस तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.
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इन देशों में कंपनी के प्रोजेक्ट बिजनेस
Voltas का संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर, बहरीन और ओमान सहित जीसीसी देशों में प्रोजेक्ट बिजनेस है और यह क्षेत्र की कई प्रतिष्ठित परियोजनाओं जैसे बुर्ज खलीफा, मॉल ऑफ एमिरेट्स, बहरीन सिटी सेंटर और कतर में पलासियो मॉल का हिस्सा थी.
AC सेगमेंट में ₹1000 करोड़ का निवेश
बख्शी के मुताबिक, छोटे शहरों से भी रूम एसी (AC) की मांग काफी बढ़ रही है. वोल्टास (Voltas) इस सेगमेंट में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है, जिसमें से 500 करोड़ रुपये कंप्रेसर प्लांट स्थापित करने के लिए है और बाकी अगले पांच वर्षों में क्षमता विस्तार के लिए है.