चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के मामले में रिलायंस जियो शीर्ष पर रही है. इस अवधि में जियो का एजीआर 8,271 करोड़ रुपये रहा है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ट्राई के ताजा आंकड़ों के अनुसार हाल में विलय करने वाली वोडाफोन आइडिया का एजीआर या मोबाइल सेवाओं से आय 7,528 करोड़ रुपये रही है. भारती एयरटेल 6,720 करोड़ रुपये के एजीआर के साथ तीसरे स्थान पर रही है. 

सरकार का दूरसंचार कंपनियों से लाइसेंस और अन्य शुल्कों से मिलने वाला राजस्व हिस्सा एजीआर के आधार पर ही तय होता है. जुलाई सितंबर की तिमाही में बीएसएनएल का एजीआर 1,284.12 करोड़ रुपये रहा. 

इससे पिछली अप्रैल-जून तिमाही में एकल आधार पर जियो इस सूची में 7,125.7 करोड़ रुपये के एजीआर के साथ पहले स्थान पर थी. हालांकि, उस समय विलय की प्रक्रिया में चल रही वोडाफोन और आइडिया का संयुक्त एजीआर जियो से अधिक यानी 8,226.79 करोड़ रुपये था. 

अलग-अलग बात की जाए तो वोडाफोन का एजीआर 4,483.69 करोड़ रुपये और आइडिया का 3,743.1 करोड़ रुपये था. भारती एयरटेल का एजीआर 6,723.5 करोड़ रुपये था. 

जहां तक सकल राजस्व की बात है वोडाफोन आइडिया 13,542 करोड़ रुपये के साथ सबसे ऊपर रही. एयरटेल का स्थान 11,596 करोड़ रुपये के साथ दूसरा और 10,738 करोड़ रुपये के सकल राजस्व के साथ जियो तीसरे स्थान पर रही.