NTPC को प्राइवेट प्‍लेसमेंट बेसिस पर नॉन कनवर्टिबल  डिबेंचर (NCD) जारी करके 12,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी शेयरधारकों से मिल गई है. मंगलवार को हुई सालाना आम सभा (AGM) में इस समाधान को मंजूरी मिली. एजीएम के नोटिस में बताया गया कि एक या ज्‍यादा किस्‍तों में जुटाई जाने वाली रकम का इस्‍तेमाल कैपिटल एक्‍सपेंडिचर, वर्किंग कैपिटल और और जनरल कॉरपोरेट जरूरतों के लिए किया जाएगा. NTPC अपनी क्षमता बढ़ाने के मोड में है. कंपनी ने अपनी कैपिटल एक्‍सपेंडिचर जरूरतों का ज्‍यादातर हिस्‍सा कर्ज के जरिए जुटाया है. डिबेंचर के जरिए फंड जुटाने के प्रस्‍ताव को कंपनी के निदेशक मंडल ने 29 जुलाई 2022 को मंजूरी दी थी. 

NTPC: इस साल 30% उछला शेयर

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NTPC के स्‍टॉक की परफॉर्मेंस देखें, तो 2022 में अब तक शेयर करीब 30 फीसदी उछल चुका है. पिछले 6 महीने में शेयर में करी 23 फीसदी का रिटर्न रहा है. बीते एक साल का रिटर्न देखें, तो एनटीपीसी का शेयर करीब 42 फीसदी बढ़त पर है. 

क्‍या है नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर?

NCD यानी नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर एक फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट होते हैं. इसका यूज कंपनियां पब्लिक इश्यू के जरिए पैसा कलेक्ट करने के लिए करती हैं. NCD कंपनियों के लिए IPO की तरह ही पैसा जुटाने का तरीका होता है. लेकिन दोनों में ही कुछ अंतर है. कोई भी कंपनी जब NCD के जरिए पैसा जुटाती है, तो इसे कर्ज की तरह लिया जाता है. इसलिए कंपनी द्वारा लिए गए कर्ज पर इंटरेस्ट पे करना होता है. NCD की एक फिक्स्ड मैच्योरिटी डेट होती है. इसमें इन्वेस्टर्स को एक निश्चित ब्याज दर के साथ रिटर्न मिलता है.

NCD के दो प्रकार होते हैं, सिक्योर्ड NCD और अनसिक्योर्ड NCD. जो सिक्योर्ड टाइप हैं वहां कंपनी की इन्वेस्टर्स को अगर उनका पैसा वापस नहीं कर पाती है तो निवेशक कंपनी के एसेट को बेचकर अपना पैसा वसूल सकते हैं. और इसी का दूसरा प्रकार होता है अनसिक्योर्ड NCD जहां अगर कंपनी निवेशकों को उनका पैसा नहीं लौटा पाती है तो ऐसे में निवेशकों को अपना पैसा वापस हासिल करने में थोड़ी परेशानी हो सकती है. सिक्योर्ड के मुकाबले, अनसिक्योर्ड NCD में जोखिम थोड़ा ज्यादा होता है.