Green Energy को लेकर सरकार का बड़ा प्लान है. भारत ने 2047 तक एनर्जी इंडिपेंडेंट और 2070 तक नेट जीरो कार्बन का लक्ष्य रखा है. इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस है.  Green Hydrogen Mission इस दिशा में अहम कदम है. रिलायंस, JSW Energy, टॉरेंट पावर, भारत पेट्रोलियम समेत 14 कंपनियों ने ग्रीन हाइड्रोजन इंसेंटिव के लिए बोली लगाई है.

इन कंपनियों ने किया है आवेदन

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस, अदानी ग्रुप, जिंदल इंडिया, लार्सन एंड टूब्रो, BHEL समेत 20 कंपनियों ने इलेक्ट्रोलाइजर बनाने के लिए इंसेंटिव के लिए आवेदन किया है. ग्रीन हाइड्रोजन प्लान के तहत दो कैटिगरी में इंसेंटिव की योजना है. दोनों कैटिगरी में बोली का आवेदन शुक्रवार यानी 15 दिसंबर को खुला है.

2 बिलियन डॉलर के इंसेंटिव का प्लान

जुलाई 2023 में सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और इलेक्ट्रोलाइजर बनाने के लिए 2 बिलियन डॉलर के इंसेंटिव प्लान का ऐलान किया था. जानकारी के मुताबिक, 0.45 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन के लिए सरकार को 0.55 मिट्रिक टन हाइड्रोजन के लिए बोली प्राप्त हुआ है.

2030 तक 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का लक्ष्य

इसके अलावा 1.5 गीगावाट के इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिट के लिए सरकार को 3.4 गीगावाट कैपेसिटी का आवेदन मिला है. इस कैटिगरी में Waaree Energies, अद्वैत इन्फ्राटेक, Ohmium Operations जैसी कंपनियों ने बोली लगाई है. सरकार का लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन टन एनुअल ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन का है.