पावरग्रिड ने टीबीसीबी के तहत ‘भादला- III और बीकानेर- III ट्रांसमिशन लिमिटेड' का अधिग्रहण किया
भादला- III और बीकानेर- III ट्रांसमिशन लिमिटेड एक ट्रांसमिशन सिस्टम को लागू करेगा जिसमें भादला-III और बीकानेर-III सब-स्टेशनों को जोड़ने वाली 765 kV डी/सी ट्रांसमिशन लाइन और राजस्थान राज्य में इन सब-स्टेशनों पर संबद्ध बे- विस्तार कार्य शामिल होंगे.
पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) – विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसयू ने दिनांक 30 अगस्त 2024 को विभिन्न निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने और टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रक्रिया में सफल बोलीदाता के रूप में उभरने के बाद बोली प्रक्रिया समन्वयक PFC कंसल्टिंग लिमिटेड (PFCCL) से भादला- III और बीकानेर- III कॉम्प्लेक्स के इंटरकनेक्शन हेतु सिस्टम सुदृढ़ीकरण से सम्बंधित ट्रांसमिशन सिस्टम परियोजना के लिए प्रोजेक्ट स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) "भादला- III और बीकानेर- III ट्रांसमिशन लिमिटेड" का अधिग्रहण किया है.
भादला- III और बीकानेर- III ट्रांसमिशन लिमिटेड एक ट्रांसमिशन सिस्टम को लागू करेगा जिसमें भादला-III और बीकानेर-III सब-स्टेशनों को जोड़ने वाली 765 kV डी/सी ट्रांसमिशन लाइन और राजस्थान राज्य में इन सब-स्टेशनों पर संबद्ध बे- विस्तार कार्य शामिल होंगे. यह ट्रांसमिशन सिस्टम एक अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम परियोजना है और इसे 24 महीनों में कमीशन किया जाना है.
भादला-III और बीकानेर-III पीएस के बीच एक हाई कैपसिटी टाई इंटरकनेक्शन की यह परियोजना, भादला/बीकानेर आरई क्लस्टर से विद्युत हस्तांतरण को फ़्लेक्सीबीलिटी प्रदान करेगा और साथ ही दोनों परिसरों में ट्रांसमिशन कॉरिडोर की रिज़िल्यन्सी बढ़ाएगा. इसके अलावा, उपर्युक्त परियोजना भविष्य के वर्षों में आने वाले कुछ आरई जनरेटर के लिए भादला-III पीएस से अतिरिक्त निकासी आवश्यकता को पूरा करने में भी मदद करेगी.
पावरग्रिड, टैरिफ आधारित बोली प्रक्रिया के अन्तर्गत हासिल अपनी विभिन्न प्रोजेक्ट एसपीवी के माध्यम से निर्माण, स्वामित्व, संचालन और हस्तांतरण (बीओओटी) के आधार पर विभिन्न ट्रांसमिशन सिस्टम परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है. ये परियोजनाएं हरित ऊर्जा को राष्ट्रीय ग्रिड तक पहुंचाने के लिए भारतीय ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाएंगी, जिससे वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य प्राप्त करने के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो सके.
31 जुलाई 2024 तक पावरग्रिड द्वारा 1,77,790 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों, 278 उप-केंद्रों और 532,446 एमवीए की ट्रांफॉर्मेशन क्षमता को कमीशन कर संचालित किया जा रहा है. नवीनतम तकनीकी उपकरणों व तकनीकों को अपनाने तथा स्वचालन और डिजिटल समाधानों के उन्नत उपयोग से पावरग्रिड 99.8% से अधिक की औसत ट्रांसमिशन सिस्टम उपलब्धता बनाए रखने में सक्षम रहा है.