खाने के तेल की नहीं होगी अब खुली बिक्री, केंद्र ने राज्य सरकारों से रोक लगाने को कहा, कार्रवाई भी होगी
पासवान ने कहा कि नियमों के उलट खाने के तेल की खुली बिक्री होने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं, जिससे मिलावट का खतरा है.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री (Union food Ministry) राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने खाने के तेल (Edible Oil) में मिलावट पर नकेल कसने के मकसद से राज्य सरकारों को सरसों तेल समेत खाने के दूसरे तेलों की खुली बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. केंद्रीय मंत्री ने एक ट्वीट के जरिए राज्य सरकारों से खाने के तेल की खुली बिक्री पर तत्काल रोक लगाने की अपील की.
पासवान ने कहा कि नियमों के उलट खाने के तेल की खुली बिक्री होने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं, जिससे मिलावट का खतरा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इससे पहले मंत्रालय की तरफ से राज्यों को लिखी चिट्ठी में खाने के तेल की खुली बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे. मंत्रालय ने राज्य सरकारों से मिलावट पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा है.
यह चिट्ठी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामले विभाग में अपर सचिव निधि खरे की तरफ से राज्यों के फूड सेक्रेटरी और चीफ सेक्रेटरी को गुरुवार को लिखा गया. चिट्ठी में कहा गया है कि विभाग को खाने के तेल की खुली बिक्री होने की शिकायतें मिली हैं जिस पर रोक लगाई जाए.
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उपभोक्ता मामले विभाग ने कहा कि लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट (Department of Legal Metrology) के कंट्रोलरों को भी एडवायजरी जारी करके उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि डिपार्टमेंट ऑफ मेट्रोलॉजी कानून का पालन हो. इसमें कहा गया है कि नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किया जाए. खाने के तेल का भारत में बड़ी मात्रा में इम्पोर्ट किया जाता है.