भारत में अभी महज 1.6 फीसदी लोग ही करते हैं ऑनलाइन शॉपिंग
e-commerce दक्षिण एशिया में आर्थिक विकास का एक बड़ा जरिया बन सकता है और क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा दे सकता है.
आप भले ही घर में बैठकर अपने स्मार्टफोन (Smartphones) या फिर कंप्यूटर पर ऑर्डर करके अपनी जरूरत का सामान मंगा लेते हैं, घर से बाहर निकलकर जगह-जगह सामान खोजकर शॉपिंग करने में अब आपको दिक्कत होने लगी हो, लेकिन देश में अभी भी ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping)का आंकड़ा बहुत कम है.
विश्व बैंक (World Bank) के एक समूह ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि भारत में ऑनलाइन खुदरा बिक्री (Online retail sales) देश के कुल खुदरा कारोबार का महज 1.6 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश (Bangladesh) में ऑनलाइन खुदरा बिक्री का यह आंकड़ा महज 0.7 फीसदी है जबकि चीन में 15 फीसदी और वैश्विक स्तर पर 14 फीसदी है.
विश्व बैंक समूह और कट्स इंटरनेशनल की रिपोर्ट 'अनलीशिंग ई-कॉमर्स फॉर साउथ एशियन इंटिग्रेशन' में कहा गया है कि ई-कॉमर्स (e-commerce) दक्षिण एशिया में आर्थिक विकास का एक बड़ा जरिया बन सकता है और क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन इसकी संभावनाओं को व्यापक रूप से इस्तेमाल में नहीं लाया गया है.
दक्षिण एशिया में उपभोक्ताओं और कंपनियों द्वारा ई-कॉमर्स का इस्तेमाल बढ़ाने से प्रतिस्पर्धा और कंपनियों की उत्पादकता बढ़ेगी. साथ ही, इससे उत्पादन व निर्यात में विविधिकरण को बढ़ावा मिलेगा.
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विश्व बैंक (World Bank) के प्रमुख अर्थशास्त्री संजय कथुरिया ने कहा कि ई-कॉमर्स से पूरी दक्षिण एशिया में उद्यमिता से लेकर रोजगार सृजन और जीडीपी दर में वृद्धि समेत कुल उत्पादकता जैसे कई आर्थिक संकेतों को प्रोत्साहन मिलेगा.