कैशबैक और सब्सक्रिप्शन के नाम पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने ग्राहकों को बनाया 'बेवकूफ', कैसे? रिपोर्ट में हुआ खुलासा
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने 13 तरह के ‘डार्क पैटर्न’ को चिह्नित किया है जो भ्रामक विज्ञापन या अनुचित व्यापार व्यवहार या उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.
एक सर्वेक्षण में शामिल अधिकतर ग्राहकों को कैशबैक और सब्सक्रिप्शन के नाम पर ऑनलाइन मंचों की तरफ लुभाया गया लेकिन मंच से जुड़ने के बाद उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया. मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने 13 तरह के ‘डार्क पैटर्न’ को चिह्नित किया है जो भ्रामक विज्ञापन या अनुचित व्यापार व्यवहार या उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करते हैं. इनमें सदस्यता लेने के लिए ललचाने और कीमत को घटाकर दिखाने जैसे रुझान शामिल हैं.
सर्वे में क्या पता चला?
‘लोकलसर्किल्स’ की रिपोर्ट कहती है कि सर्वेक्षण में शामिल ऑनलाइन भुगतान मंचों के 62 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने चारे की तरह इस्तेमाल होने की बात महसूस की. उन्हें लुभाने के लिए कैशबैक का विज्ञापन दिया गया था, लेकिन मंच पर साइन अप करने या निर्दिष्ट लेनदेन करने के बाद कभी भी भुगतान नहीं किया गया.
लोकलसर्किल्स को देश के 376 जिलों से ऑनलाइन भुगतान मंचों के उपयोगकर्ताओं से 45,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिली थीं.
सर्वेक्षण में शामिल भुगतान मंचों के 67 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने सदस्यता जाल का अनुभव किया है, जहां एक बार जब उन्होंने यूपीआई भुगतान के लिए अपने बैंक खाते को जोड़ा तो उन्हें इसे हटाने या उससे असंबद्ध होने में परेशानी हुई.
सरकार ने दिसंबर, 2023 से ऑनलाइन मंचों के इस डार्क पैटर्न पर प्रतिबंध लगा दिया है.