OLA Layoffs: ओला कर रही है 1000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी, जानिए क्या है कंपनी की प्लानिंग
OLA Layoffs: राइड हेलिंग कंपनी ओला अपने सभी वर्टिकल से लगभग 1000 कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर रहा है. कंपनी का फोकस अभी उसके इलेक्ट्रिक व्हीकल के बिजनेस पर ही है.
OLA Layoffs: राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म OLA अपने सभी वर्टिकल से लगभग 1000 कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) की कंपनी ओला अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल बिजनेस को आगे बढ़ाने पर काम कर रही है. OLA से कर्मचारियों को निकालने की खबर वाली इस रिपोर्ट में कहा गया हैकि कंपनी अपनेमोबिलिटी, हाइपरलोकल, फिनटेक और ओला की यूज्ड कार ऑपरेशंस जैसे वर्टिकल में छंटनी कर सकती है. हांलाकि कंपनी के करीबी सूत्रों ने कहा कि OLA कम से कम 500 लोगों की छंटनी करने वाली है, न कि 1000 कर्मचारियों की. उन्होंने बताया कि इसकी कंपनी कार और डेश बिजनेस का रीस्ट्रक्चरिंग है.
इन कर्मचारियों की हो रही थी पहचान
ओला (OLA) के मुख्य राइड हेलिंग बिजनेस में वर्तमान में 1,100 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. सॉफ्टबैंक के समर्थन वाली कंपनी ने अपने सीनियर कर्मचारियों को हाल ही में उन कर्मचारियों की पहचान करने को कहा था, जिन्हें परफॉरमेंस के आधार पर कंपनी छोड़ने के लिए कहा जा सकता है.
सूत्रों ने बताया कि चुनौतीपूर्ण वित्तीय माहौल और वैश्विक मंदी के बीच ओला लागत में कटौती करने की योजना बना रही है. कंपनी का टार्गेट अपने प्रॉफिट को बनाए रखने के लिए अपनी टीम को कंसोलिडेट करना है.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर है फोकस
OLA का अभी पूरा ध्यान इसके टू व्हीलर और फोर व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों पर है. इसके लिए कंपनी ने हाल ही में अपने यूज्य व्हीकल बिजनेस OLA Cars और क्विक कॉमर्स बिजनेस OLA Dash को बंद कर दिया है.
OLA अपने इलेक्ट्रिक कार, बैटरी सेल निर्माण और फाइनेंस सर्विस के बिजनेस में अधिक निवेश करना चाहती है. इसके लिए कंपनी ने अपने ग्लोबल निवेश की योजनाओं पर भी ब्रेक लगा दिया है. OLA IPO के लिए भी फिलहाल इन्वेस्टर्स को थोड़ा इंतजार करना होगा.
कंपनी के सामने चुनौती
ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के साथ ही कई और इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनी फिलहाल इलेक्ट्रिक व्हीकल में खराब बैटरी को लेकर जांच का सामना कर रही हैं. ईवी में लगातार आग लगने की घटनाओं से चिंतित केंद्र ने ईवी निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिसमें उन्हें चेतावनी देकर पूछा है कि खराब इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को जनता तक पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए.